Updated: Thu, 02 Oct 2025 01:37 PM (IST)
करनाल में हरिद्वार जा रहे कार चालक शिवा की दर्दनाक मौत हो गई जिससे परिवार में शोक की लहर दौड़ गई। मां के रोकने के बावजूद कार मालिक के दबाव के कारण शिवा को जाना पड़ा। वह परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य था। हादसे की खबर सुनकर उसकी मां और पत्नी बेसुध हो गईं। नींद की झपकी के कारण यह दुखद घटना घटी।
जागरण संवाददाता, करनाल। मां ने कार चालक बेटे शिवा को हरिद्वार जाने से रोका था। बार-बार कहा था कि मेरा बेटा शिवा हरिद्वार नहीं जाएगा, लेकिन कार मालिक शिवा पर दबाव बनाता रहा। इतना ही नहीं कार मालिक कार लेकर शिवा के घर के सामने पहुंच गया और कार खड़ी कर दी।
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शिवा को हरिद्वार भेज दिया। शिवा की मां ने रोते हुए कहा उसका बेटा रुक जाता तो यह हादसा नहीं होता। मां ने यह भी कहा कि कार मालिक ने उन्हें नहीं बताया था कि उसके बेटे को अस्थियां लेकर जाना है। पूरे परिवार का रो-रो कर बुरा हाल हो रहा है।
शिवा घर में कमाने वाला इकलौता था। उसके पिता कई सालों से लापता है। शिवा की मां अनिता ने बताया कि उसका बेटा ज्वाला माता के दर्शन करने गया हुआ था।
व ह बुधवार अल सुबह तीन बजे घर पहुंचा था। घर आकर उसका बेटा नहाया ही था कि कार मालिक उनके घर पहुंच गया। वह बार बार मना करती रही कि उसका बेटा शिवा नहीं जाएगा अभी वो माता के दर्शन करके आया है। उसे आराम करने दो लेकिन उसकी किसी ने नहीं सुनी
बेसूध हो गई मां और पत्नी
सुबह शिवा का परिवार सो रहा था। उन्हें फोन पर सूचना मिली कि शिवा के साथ हादसा हो गया है और उसकी जान चली गई है। यह सुनते ही शिवा की मां और पत्नी बेसूध हो गई।
इसके बाद पूरा परिवार मुजफ्फनगर के लिए निकल पड़ा। बच्चों के लिए लाया था खेल खिलौने, मिली मौत की सूचना शिवा की तीन साल पहले शादी दिल्ली निवासी काजल के साथ हुई थी।
उसका एक डेढ़ साल का बेटा रोनित है। हादसे से पहले शिवा परिवार के साथ ज्वाला जी माता रानी के दर्शन करके आया था। उसने बेटे के लिए अलग अलग खेल खिलौने भी खरीदे थे लेकिन वह खिलौने बैग में ही बंधे रहे गए। सुबह परिवार को शिवा की मौत की सूचना मिली।
शिवा के परिवार में उसकी मां और दो भाई हैं। दोनों भाई अविवाहित हैं। शिवा के भाई ने बताया कि उसका भाई चालक था लेकिन वह इस कार का चालक नहीं था।
नींद की झपकी से गई छह जान
शिवा जब कार में बैठाकर पीयूष, उसकी मां मोहिनी, फुफा राजेंद्र, बुआ विम्मी, अंजू व भाई हार्दिक को लेकर सुबह के पौने पांच बजे हरिद्वार के लिए निकला था तो करीब साढ़े छह बजे वह उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर के समीप पानीपत खटीमा हाईवे पर त्रिदेव ढाबे के समीप तो शिवा को नींद की झपकी आ गई और उनकी अर्टिगा कार, सड़क पर खड़े ट्राले में घुस गई।
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