Haryana Weather News: मैदानी क्षेत्रों में भी शिमला जैसी सिहरन, 17 डिग्री पहुंचा न्यूनतम तापमान
Haryana Weather News करनाल में वर्षा से तापमान में आई गिरावट के चलते प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में मौसम सुहाना हो गया है। मसूरी शिमला जैसे हिल स्टेशनों की तरह मैदानी क्षेत्रों में सोमवार को कई लोगों ने गर्म कपड़े पहन लिए तो घरों में गीजर चलाना पड़ गया।

पवन शर्मा, करनाल: हालिया वर्षा से तापमान में आई गिरावट के चलते प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में मौसम सुहाना हो गया है। अप्रैल माह में करनाल में जहां करीब 41 एमएम कुल वर्षा के साथ पिछले नौ वर्ष का रिकार्ड टूट गया वहीं अब मई की शुरुआत में भी गर्मी के बजाय लोगों को ठंडक का एहसास हो रहा है। मसूरी, शिमला जैसे हिल स्टेशनों की तरह मैदानी क्षेत्रों में सोमवार को कई लोगों ने गर्म कपड़े पहन लिए तो घरों में गीजर चलाना पड़ गया। एसी बंद करने पड़े।
मौसम का यह अजब-गजब अंदाज लोगों को तो राहत दे रहा है मगर मौसम विज्ञानियों में इसे लेकर मंथन की स्थिति है। ज्यादातर विशेषज्ञ इसे जलवायु परिवर्तन का परिणाम बता रहे हैं। शिमला में भी अप्रैल महीने में 53 एमएम वर्षा के साथ 17 वर्ष का रिकार्ड टूटने के साथ ही आरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
जबकि औसत तापमान आठ-दस डिग्री के आसपास बना है। शिमला में अप्रैल माह में बीते दस वर्ष का सबसे कम तापमान भी रिकार्ड किया गया तो मसूरी में भी वर्षा और ओलावृष्टि से औसत न्यूनतम तापमान 17-18 डिग्री सेल्सियस बना है। करनाल में भी सोमवार को न्यूनतम तापमान इसी के आसपास यानि 18.7 डिग्री सेल्सियस रहा।
छह मई की रात से मध्य सागर से फिर नया पश्चिमी विक्षोभ होगा सक्रिय
जागरण संवाददाता, हिसार : मौसम में बदलाव के चलते हुए मई में दूसरा पश्चिमी विक्षोभ आने को तैयार है। छह मई रात से एक्टिव होने वाला यह विक्षोभ उत्तर पश्चिमी भारत के राज्यों को प्रभावित करेगा। अभी मौसम विज्ञानियों चार मई तक पहले ही ओलावृष्टि और बारिश की संभावना व्यक्त की हई है। प्रदेश में हुई बारिश से प्रदेश का करनाल जिला सबसे ज्यादा ठंडा रहा। वहां अधिकतम तापमान 22.2 डिग्री तक पहुंच गया है।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार छह मई के बाद आने वाले पश्चिमी विक्षोभ मध्य सागर की तरफ से एक्टिव होगा। यह मैदानी इलाकों को प्रभावित करेगा जिससे बारिश हो सकती है। पहाड़ों में बर्फबारी की भी इससे संभावना बन सकती है। विज्ञानियों के अनुसार अप्रैल में चार पश्चिमी विक्षोभ आए जिससे तापमान नीचे गिरा। इसके साथ मई माह में भी दूसरा पश्चिमी विक्षोभ होगा। विज्ञानियों के अनुसार बारिश होने के चलते दिन का तापमान गिरा है, जबकि बादलवाई के चलते रात के तापमान में ज्यादा गिरावट नहीं है।
इसके चलते दोनों तापमान में गैप भी काफी कम हो गया है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा. मदन खीचड़ ने बताया कि छह मई रात के बाद से नया पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव होगा जो उत्तर पश्चिमी भारत के मैदानी इलाकों को प्रभावित करेगा। इससे बारिश की संभावना बनेगी। मई में ऐसा ही मौसम रहने की संभावना है। अप्रैल माह में भी चार पश्चिमी विक्षोभ आए थे, जिससे तापमान नीचे रहा।
जनवरी से रहा उतार-चढ़ाव
मौसम के मिजाज में यह बदलाव इस वर्ष की शुरुआत से ही बना है। करनाल में जनवरी में न केवल 22.6 एमएम बरसात हुई बल्कि इतनी ठंड पड़ी कि कई वर्ष का रिकार्ड टूट गया तो फरवरी पूरी तरह सूखा बीता। इस माह इतनी गर्मी पड़ी, जितनी लंबे समय से नहीं हुई थी। मार्च में फिर बादल झमाझम बरसने लगे और 96.2 वर्षा रिकार्ड की गई। अप्रैल में भी बीते नौ वर्ष में सर्वाधिक वर्षा हुई। अब मई की शुरुआत मई की शुरुआत भी तेज और ठंडी हवा चलने के साथ हो रही है। वैशाख में पहले लू चलने लगती थी लेकिन इस बार उलट स्थिति है।
अप्रैल में झमाझम बरसे बदरा
करनाल: बीते पांच वर्ष में अप्रैल माह में इस वर्ष सर्वाधिक वर्षा रिकार्ड की गई। पूरे माह में कुल वर्षा का आंकड़ा मिलाकर 41 एमएम तक पहुंच गया। जबकि बीते वर्षों में 2022 में अप्रैल माह पूरी तरह सूखा गुजरा था। अप्रैल 2021 में महज 2.8 एमएम, 2020 में 25.6, 2019 में 7.8 और 2018 में केवल 15.8 एमएम वर्षा दर्ज की गई थी।
मई में भी करनाल में पहले ही दिन लगभग चार एमएम वर्षा रिकार्ड की गई।मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डा. मृत्युंजय कुमार कह चुके हैं कि यह क्लाइमेट चेंज के कारण संभव है लेकिन इसका प्रभाव जगह, सीजन और वर्ष के अनुसार बदलता रहता है।
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