'MBBS की सीट के एक लाख रुपए...', हरियाणा के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में हो रहा बड़ा खेल, डॉक्टर ने लगाए ये आरोप
करनाल में हरियाणा के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में जूनियर और सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की भर्ती में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। एक एमबीबीएस डॉक्टर ने शिकायत दर्ज कराई है कि प्रति सीट एक लाख रुपये तक की रिश्वत ली जा रही है। उन्होंने कॉलेजों में अलग-अलग भर्ती नियमों पर भी सवाल उठाए हैं।

सोमदत्त शर्मा, करनाल। Haryana News: हरियाणा सरकारी मेडिकल कॉलेजों में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर और सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर की भर्ती में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। एक एमबीबीएस डॉक्टर ने भर्ती को लेकर प्रति सीट एक लाख रुपये तक की रिश्वत चलने के आरोप लगाए हैं।
चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशालय को भेजी गई शिकायत में डॉक्टर ने इस पूरे मामले में जांच की मांग उठाई है। साथ ही ये भी आरोप लगाया है कि एक ही सरकार के अंतर्गत आने वाले सरकारी कॉलेजों में अलग अलग नियम हैं। कहीं पर मैरिट के आधार पर भर्ती हो रही है तो कहीं पर आज भी साक्षात्कार लिए जा रहे हैं।
'इंटरव्यू में चहेतों को किया जा रहा शामिल'
साक्षात्कार के नाम पर ही चहेतों को लेने का रास्ता निकाला जाता है। इस समय प्रदेश के पांचों सरकारी कॉलेजों में जेआर और एसआर के पदों पर 80 से अधिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है।
गौर हो कि एमबीबीएस के बाद 6-6 माह के लिए जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर के तौर पर भर्ती होती है, जबकि एसआर की भर्ती तीन साल के लिए होती है।
निदेशालय को भेजी शिकायत में एक एमबीबीएस डॉक्टर ने इस भर्ती को लेकर सवाल उठाए हैं और आरोप लगाया कि चहेतों को एडजेस्ट करने को लेकर साक्षात्कार में मनचाहे नंबर दिए जा रहे हैं।
'SR और JR का आपात सेवाओं को जारी रखने में अहम रोल'
उधर, निदेशालय ने शिकायत के बाद मामले की जांच शुरू कर दी है। गौरतलब है कि सभी मेडिकल कॉलेज में इमरजेंसी और ओपीडी की सेवाओं में एसआर और जेआर डॉक्टर रीढ़ की हड्डी का काम करते हैं। एक तरह से आपात सेवाओं को जारी रखने में इनका अहम रोल होता है।
इस बारे में चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान की उपनिदेशक डॉ. पारूल गोयल का कहना है कि एसआर और जेआर की भर्ती को लेकर एसओपी दी गई है, अगर कहीं पर कुछ खामी है तो इसको चेक किया जाएगा।
नंबरों के आधार पर होती है भर्ती
करनाल कॉलेज ने भी मैरिट सिस्टम किया लागू दरअसल, जेआर और एसआर लगने को लेकर राजनीतिक और प्रशासनिक दखल बढ़ रहा है। तमाम झंझटों से बचते हुए कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने भी मैरिट सिस्टम से भर्ती करने का फैसला लिया है। एमएमबीबीएस और एमडी डिग्री में प्राप्त किए गए नंबरों के आधार पर ही भर्ती की जा रही है।
हालांकि, इससे पहले यहां भी 20 नंबर का साक्षात्कार होता था। करनाल कालेज ने रोहतक मेडिकल कालेज के पैटर्न को अपनाया है। रोहतक में पहले से ही मैरिट वाला नियम लागू है। कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कालेज करनाल के निदेशक डॉ. एमके गर्ग ने कहा कि हमने रोहतक मेडिकल कॉलेज के पैटर्न को लिया है।

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