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    हरियाणा सरकार का एक्‍शन, धान खरीद घोटाले का भंडाफोड़, करनाल में 8 कर्मचारियों पर गाज

    By Jagran NewsEdited By: Anurag Shukla
    Updated: Fri, 18 Nov 2022 10:14 AM (IST)

    हरियाणा सरकार ने बड़ी कार्रवाई की। करनाल मंडी के तीन सुपरवाइजर सहित चार आक्शन रिकार्डर और सचिव-कम-ईओ निलंबित कर दिए गए। फर्जी गेटपास मामले में जुंडला ...और पढ़ें

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    करनाल में धान घोटाले में कार्रवाई हुई।

    करनाल, जागरण संवाददाता। करनाल मंडियों में बड़े पैमाने पर धान खरीद घोटाले और गेटपास में गड़बड़ियों का भंडाफोड़ हुआ है। जिले की जुंडला व असंध की मंडियों में धान घोटाले में कार्रवाई के बाद प्रदेश सरकार की ओर से करनाल मंडी के आठ कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की गई है।

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    मामले में संलिप्तता पर करनाल मंडी के सुपरवाइजर अश्विनी मेहरा, दीपक त्यागी, जयप्रकाश सहित करनाल से चार आक्शन रिकार्डर सुरेश, प्रदीप श्योराण, प्रदीप मलिक, सोमबीर सहित सचिव-कम-ईओ सुंदर सिंह को निलंबित कर दिया गया है। अब असंध मंडी में भी घोटाले पर जल्द कार्रवाई के आसार हैं। धान उठान के दौरान स्कूटर व कारों के नंबर वाले वाहनों तक के गेट पास काटने में भी बड़ी अनियमितता उजागर हुई थी।

    प्रशासन अब राइस मिलर्स और आढ़तियों को शिंकजे में लेने की तैयारी में है। एक माह पहले जुंडला मार्केट मंडी सचिव पवन चोपड़ा और खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के दो कर्मचारियों को निलंबित किया गया था। सरकार किसी भी सूरत में भ्रष्टाचार बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। यही कारण है कि कृषि मंत्री जेपी दलाल के आदेश के बाद जिला उपायुक्त अनीश यादव ने मार्केट मंडी बोर्ड को मंडियों का रिकार्ड खंगालने के आदेश दिए। करनाल मंडी में गड़बड़ियों में मिलीभगत के आरोपित स्टाफ की रिपोर्ट मुख्यालय भेजी गई। पवन चोपड़ा के निलंबन के बाद इंद्री के मंडी सचिव सुंदर सिंह को करनाल का चार्ज दिया गया था।

    इस तरह चलता खेल

    यह खेल बेहद सधे अंदाज में चलता है। मंडियों में आढ़तियों, मिलरों व मार्केट कमेटी स्टाफ समेत खरीद एजेंसियों के गठजोड़ से फर्जी गेट पास काटे जाते हैं। इसके तहत बासमती धान गैर बासमती यानि पीआर दिखाया जाता है क्योंकि पीआर धान की सरकार एमएसपी पर खरीद करती है। इस मामले में कार्रवाई का सिलसिला शुरू होने के बावजूद कई सवाल भी कायम हैं। अभी तक जांच के तहत जुंडला अनाज मंडी के वे तमाम आढ़ती भी चिन्हित नहीं किए गए, जिनके यहां धान की फर्जी खरीद दिखाई गई है।

    सीएम फ्लाइंग की शिकायत पर कार्रवाई

    धान घोटाले में आरोपित मार्केटिंग मंडी बोर्ड सचिव पवन चोपड़ा की गिरफ्तारी के बाद जांच की कड़ियां जोड़ते हुए पुलिस ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से निलंबित इंस्पेक्टर संदीप व सब-इंस्पेक्टर गौरव पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। जुंडला मंडी में घोटाले के दौरान दोनों पर मिलीभगत का आरोप था। विभाग ने उन्हें तुरंत प्रभाव से पद से हटाते हुए मुख्यालय बुला लिया था। जल्द असंध अनाज मंडी में गड़बड़ियों की कार्रवाई में कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है।

    स्टाक बरामदगी के लिए रडार पर आढ़ती

    फर्जी गेट पास की शिकायतों पर जुंडला मंडी में डीएसपी अजीत सिंह के नेतृत्व में बीते माह सीएम फ्लाइंग की छापेमारी के दौरान चार मिल संचालकों पर मामला दर्ज किया गया था। रिकार्ड मिलान में मंडी से धान उठान किया गया, जो मिलों में बरामद नहीं किया गया। इसका आंकड़ा लगभग 65 हजार क्विंटल था। गायब धान की बरामदगी के लिए पुलिस ने जांच में संबंधित आढ़ती भी शामिल किए, जिनकी दुकान से धान खरीद और उठान हुआ था।

    दामन बचाने में खरीद एजेंसियां

    जिले की मंडियाें में अलग-अलग एजेंसियों की ओर से लगभग 11 लाख क्विंटल धान खरीद की गई है। जुंडला मंडी में गड़बड़ी उजागर होने पर मिल संचालकों ने रिकार्ड मेंटेन किया है तो खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, हैफेड, वेयरहाउस के अधिकारियों ने भी खामियों पर गंभीरता जताई है। जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक अनिल कुमार की ओर से 15 दिन पहले मिलों की ओर से खरीदे गए धान की सूची को जारी किया गया, जिसमें लिफ्टिंग और अनलिफ्टिंग धान के बारे में स्थिति स्पष्ट की गई थी। उपायुक्त अनीश यादव ने हैफेड और वेयरहाउस के अधिकारियों को भी स्टाक मेंटेन करने के निर्देश दिए हैं।

    बीते वर्ष हुए थे छह कर्मचारी निलंबित

    नवंबर 2021 में भी जुंडला मंडी में धान खरीद में हेराफेरी हुई थी। तब हरियाणा मार्केटिंग बोर्ड प्रशासन की ओर से मंडी सचिव अजय संधू व मंडी सुपरवाइजर कुलदीप सिंह सहित छह कर्मचारियों को निलंबित किया गया था। छह संविदा कर्मचारियों को भी हटाया गया था। बोर्ड के मुख्य प्रशासक के आदेश पर जिला विपणन एवं प्रवर्तन अधिकारी करनाल, हिसार, कुरुक्षेत्र, पानीपत की अगुवाई में चार टीमों ने जुडला मंडी में जांच की थी। जांच में 36 आढ़तियों के पास धान कम और 38 आढ़तियों के पास अधिक धान मिला था। इस वर्ष फिर जुंडला मंडी में घोटाला सामने आया है और असंध व करनाल मंडी में भी खामियां मिली हैं।

    गड़बड़ियों को लेकर उपायुक्त सख्त

    उपायुक्त अनीश यादव ने स्पष्ट किया कि किसी भी मंडी में कोताही मिलने पर संबंधित कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा। धान खरीद व उठान में गड़बड़ी के खेल में कुछ आढ़तियों की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता है। इस संबंध में मंडी विपणन बोर्ड के क्षेत्रीय प्रशासक डा. सुशील कुमार को धान खरीद और उठान संबंधित रिकार्ड जांचने के निर्देश दिए गए थे। उपायुक्त के निर्देश पर जुडला, असंध व करनाल मंडी के बाद घरौंडा की मंडी रडार पर हैं। यहां फसल का गेटपास जारी करने में गड़बड़ियां उजागर हुई हैं। मार्केटिंग बोर्ड जांच अधिकारी मानव मालिक ने टीम के साथ घरौंडा मंडी में जांच की है। विभागीय जांच के दायरे में आढ़त की फर्में के रिकार्ड में अनियमितताएं हैं। यहां छुट्टी वाले दिन भी काफी गेट पास काटे गए हैं। मंडी के कई आढ़तियों के रिकार्ड में भारी गड़बड़ी पाई गई।