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Manohar Lal: एक दिन पहले PM मोदी ने की तारीफ और फिर इस्तीफा, क्या बोले मनोहर लाल? यहां पढ़ें Exclusive Interview

Manohar Lal Exclusive Interview हाल ही में मुख्मंत्री मनोहर लाल ने सीएम पद से इस्तीफा दिया। अब वह करनाल से संसदीय चुनाव लड़ेंगे। मनोहर लाल ने 12 मार्च को इस्तीफा दिया था। जिसके बाद उसी दिन नायब सिंह के नेतृत्व में नई सरकार का गठन हुआ। इसी क्रम में दैनिक जागरण ने मनोहर लाल के संग साक्षात्कार किया। पेश हैं बातचीत के कुछ अंश...

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Published: Tue, 19 Mar 2024 08:41 PM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2024 08:41 PM (IST)
Manhoar Lal: एक दिन पहले PM मोदी ने की तारीफ और फिर इस्तीफा, क्या बोले मनोहर लाल?

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Manohar Lal Interview:साढ़े नौ साल तक भाजपा सरकार चलाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को इस बात की बेहद खुशी है कि वह हरियाणा में व्यवस्था परिवर्तन, सामाजिक बदलाव और आर्थिक विकास की मूक क्रांति लाने में कामयाब हुए हैं।

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उन्हें इस मूक क्रांति के और भी अधिक सकारात्मक परिणाम की उम्मीद है। आरएसएस और भाजपा को जीवन समर्पित कर चुके मनोहर लाल का कहना है कि संगठन और संघ का काम करते हुए बहुत मौके ऐसे आए, जब लोगों को व्यवस्था परिवर्तन के लिए परेशान होते हुए देखा। सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए लोग दर-दर भटकते थे, बिना पैसे दिए कोई काम नहीं होता था।

ये अव्यवस्थाएं काफी हद तक कम हो चुकी हैं। यही मूक क्रांति है, जो पूरे देश में बड़ा उदाहरण है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भरोसेमंद मनोहर लाल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अब ऩई भूमिका में हैं। करनाल से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे। भविष्य में भाजपा की नेशनल पालिटिक्स में उनके सक्रिय होने की जबरदस्त चर्चाएं हैं। अब तक के कार्यकाल और भविष्य की संभावनाओं पर दैनिक जागरण के स्टेट ब्यूरो चीफ अनुराग अग्रवाल ने पूर्व सीएम मनोहर लाल से विस्तृत बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश:

1. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक दिन पहले गुरुग्राम में आपकी जबरदस्त तारीफ की और अगले दिन आप मुख्यमंत्री नहीं रहे? 

यह अचानक जैसे घटनाक्रम का हिस्सा नहीं है। मैं स्वयं करीब एक-डेढ़ साल से अपना विकल्प तैयार करने की प्रक्रिया में लगा हुआ था। मैंने कई बार प्रधानमंत्री जी, अमित शाह जी और जेपी नड्डा जी से इस बारे में चर्चा की। जिस बगिया को आपने अपने हाथों से सींचा हो, भविष्य में उसकी रखवाली और कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए अच्छे विकल्प की तलाश सभी को करनी चाहिए।

विकल्प तैयार करते समय मेरे दिमाग में था कि मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए अपने सामने ही मैं संस्कारित, निष्ठावान, समर्पित और प्रदेश के हित सोचने वाले व्यक्तित्व को सीएम की कुर्सी पर बैठा दूं। मैंने प्रधानमंत्री जी से चर्चा की और उन्होंने नायब सिंह सैनी के रूप में नया मुख्यमंत्री दे दिया।

2. क्या आपको आभास था कि आज प्रधानमंत्री तारीफ कर रहे हैं और कल आप मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं रहने वाले हैं? -

मुझे अच्छी तरह से आभास था। ऐसे फैसले एकदम नहीं होते। पार्टी में कुछ लोगों के बीच इस बात की चर्चा हुई थी कि मैं लोकसभा चुनाव से पहले इस्तीफा दूं या बाद में दूं। अधिकतर का विचार था कि लोकसभा चुनाव के बाद दिया जाए, लेकिन मैंने विचार दिया कि जब देना है तो पहले अच्छा रहेगा। मैंने अपनी भावना से मोदी जी को अवगत कराया। मोदी जी 11 मार्च को गुरुग्राम में आए और 12 मार्च को मैंने सीएम के पद से इस्तीफा दे दिया।

3. भाजपा-जजपा का गठबंधन टूटने से लेकर मुख्यमंत्री बदलने तक के घटनाक्रम के बारे में क्या दुष्यंत चौटाला को किसी तरह का आभास था? -

मुझे लगता है कि उन्हें पांच-सात दिन पहले आभास हो गया था। आखिर गठबंधन टूटना था। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा दुष्यंत चौटाला को यह सूचना तो देनी ही थी। उससे पहले उन्हें कोई आभास नहीं था।

4.नये सीएम नायब सैनी ने जब विश्वास मत प्राप्त किया तो उसके तुरंत बाद आपने करनाल विधानसभा सीट से इस्तीफा क्यों दे दिया?

यह बहुत ही दिलचस्प, पार्टी के लोगों तथा प्रदेश की जनता के लिए चौंकाने वाला फैसला था। यहां तक कि नायब सिंह सैनी को भी नहीं पता था कि मैं ऐसा कुछ करने वाला हूं। कृषि मंत्री जेपी दलाल मेरे साढ़े नौ साल के कार्यकाल पर धन्यवाद प्रस्ताव लेकर आए, लेकिन विपक्ष ने इस प्रस्ताव को सदन के पटल पर रखने नहीं दिया। तब मैंने उन्हें कहा कि आप सिर्फ मेरी बात सुन लें।

मैं खड़ा हुआ और करनाल विधानसभा सीट मैंने नायब सिंह सैनी के लिए छोड़ दी। मेरे इस्तीफा देते ही जेपी नड्डा जी का फोन आया। बोले कि यह आपने क्या किया। आपको लोकसभा चुनाव जीतने के बाद इस्तीफा देना चाहिए था। मैंने जवाब दिया कि इसके लिए मैं पहले से तैयार था। अब मैं नायब सैनी को चुनाव जितवाऊंगा। l

5.आपकी आंखों में कई बार आंसू देखे गए। विधानसभा के बाहर भी और विधानसभा के भीतर भी? 

यह खुशी के आंसू हैं। मैं बहुत ही भावुक इन्सान हूं। पूरे प्रदेश को अपना परिवार समझकर अंत्योदय की भावना से काम किया है। लोग, कार्यकर्ता और यहां तक कि अफसर मेरे पास आकर भावुक हो जाते हैं। मन में संतोष है कि मैंने जो भी किया अच्छा किया। कुछ ऐसा नहीं किया, जो लोग बाद में बुराई करें।

6. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि अब आप जल्दी ही भाजपा की केंद्रीय राजनीति में बड़ी भूमिका में दिखाई दे सकते हैं?

 सब अपने-अपने आकलन और विश्लेषण के आधार पर अंदाजे लगाते हैं। करनाल लोकसभा का मेरा चुनाव वहां की जनता लड़ेगी। मौजूदा सांसद संजय भाटिया गुजरात के बाद देश में दूसरे ऐसे सांसद हैं, जो छह लाख से अधिक मतों से चुनाव जीते थे। मैं प्रदेश के साथ-साथ देश के विभिन्न राज्यों में पार्टी के लिए प्रचार करने निकलूंगा। 19 मार्च को करनाल के घरौंडा में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, मैं स्वयं और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी राज्य स्तरीय प्रचार अभियान आरंभ करने वाले हैं। मैंने किराये का घर ढूंढ लिया है। पार्टी को जहां जिस रूप में जरूरत होगी, वह सेवाएं लेती रहेगी।

7.हरियाणा की राजनीति में अक्सर जातियों की बात होती है, ऐसे माहौल में काम करने का अनुभव कैसा रहा?

भाजपा के निर्णय गलत नहीं होते। हम जातियों के हिसाब से बिल्कुल नहीं सोचते। यदि जातियों के हिसाब से सोचा जाता तो मोदी जी कभी गुजरात के मुख्यमंत्री नहीं होते। मैं हरियाणा का सीएम नहीं बनता। हम काम करते हुए अंत्योदय के कल्याण की सोचते हैं।

परिवार पहचान पत्र, सरकारी योजनाओं के पोर्टल, आनलाइन तबादला नीति और मैरिट के आधार पर नौकरियां ऐसे फैसले हैं, जिन्होंने जातिवाद को खत्म कर दिया। किसान की जेब में उसकी फसल का पूरा पैसा आता है। युवाओं को बिना पैसे नौकरी मिलती है। परिवार पहचान पत्र योजना को उत्तर प्रदेश के बाद कई दूसरे राज्य भी अपनाने को तैयार हैं।

8. साल 2014 में जब आप मुख्यमंत्री बने थे, तब आपने प्रधानमंत्री जी से अनुरोध किया था कि आपके साथ किसी राज्य के सीएम को जोड़ दें?

यह बिल्कुल सही बात है। मैंने मोदी जी से कहा कि मैं बिल्कुल नया हूं। मेरे साथ आप किसी राज्य के सीएम को जोड़ दें, जो मुझे काम सिखा सके। तब मोदी जी ने कहा कि प्रदेश की जनता, ब्यूरोक्रेसी और विपक्ष सब आपको स्वयं ही सब कुछ सिखा देंगे। यही स्थिति अब नायब सिंह सैनी के साथ है। धीरे-धीरे वह भी अनुभव हासिल करते हुए परिपक्वता को प्राप्त होंगे। l

9.पिछले दिनों आपने संकेत दिए थे कि आपके पास अगले पांच साल का प्लान है, कोई ऐसा काम, जो इस कार्यकाल में पूरा नहीं कर पाए? 

 हम संघ की विचारधारा के लोग हैं। हम जाति या व्यक्ति के हिसाब से व्यवस्थाएं नहीं बनाते। हमारे यहां निष्ठा, समर्पण, विजन और योगदान से फैसले होते हैं। एक पिता की सोच होती है कि उसके रहते उसका बेटा सेटल हो जाए। आखिर, नायब सैनी भी हमारी पार्टी के नेता हैं। नायब सैनी और मेरा 1995 का 30 साल पुराना साथ है। मैं मुख्यमंत्री नहीं रहा तो इसका मतलब यह नहीं है कि हम अपनी सोच और संभावित फैसलों को आगे लागू नहीं करा पाएंगे। केंद्र व राज्य दोनों स्थानों पर भाजपा की सरकार है, जिसका प्रदेश की जनता को निश्चित रूप से भविष्य में भी फायदा मिलेगा।

10.विपक्ष ने कई बार आपको फकीर कहकर तंज भी कसा, लेकिन इंटरनेट मीडिया पर आपकी यही तस्वीर लोग पेश कर रहे हैं? 

 मैंने सीएम के पद पर काम करते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। किसी के प्रति कोई राजनीतिक दुर्भावना नहीं रखी। क्षेत्रवाद नहीं किया। विकास कार्यों में सबको समान अवसर दिए। विपक्ष के विधायकों की बात सुनकर उनके काम किए। मेरे पास कुछ जोड़ी कपड़े हैं। पार्टी और संघ मेरी जहां ड्यूटी लगाएंगे, मैं वहां काम करने निकल पड़ूंगा। यह मेरे लिए बहुत ही सुकून की बात है।

11.साढ़े नौ साल के कार्यकाल में लिए गए फैसलों में आपको स्वयं अपनी सरकार का कौन सा फैसला अच्छा लगता है?

 अक्सर लोग बोलकर काम करते हैं, लेकिन मैंने बिना बोले इतना काम कर दिया कि अब प्रदेश की जनता बताएगी कि उनके हित के कौन-कौन से बड़े फैसले हुए हैं। हरियाणा सरकार के अतुलनीय नौ वर्ष शीर्षक से हमारी सरकार के फैसलों की लंबी सूची है। मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि मैंने हर तरह के बदलाव की मूक क्रांति को जन्म दिया है, जिसे लोगों ने स्वीकार किया है।

12. आखिरी सवाल, कुछ ऐसी भी खबरें आईं कि आप अपने जीवन के अंतिम पड़ाव में सारी संपत्ति दान करने वाले हैं?

वैसे तो मेरे पास कुछ नहीं है। मैं अपना रोहतक का घर लाइब्रेरी के लिए दान कर चुका हूं। लेकिन जो भी मेरे पास होगा, उसे मैं किसी न किसी रूप में दान करने की सोच अपने मन में रखता हूं। मैं क्या लेकर आया था और क्या लेकर जाऊंगा, यह मुझे अच्छी तरह से याद है।

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