Updated: Sun, 07 Sep 2025 12:49 PM (IST)
करनाल के तरावड़ी में सरकारी गोदामों में 90 करोड़ के गेहूं के भीगने के पीछे बड़े गड़बड़झाले की बू आ रही है। मुख्यमंत्री उड़नदस्ते की जांच में स्पष्ट हो चुका है कि डीएफएससी विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते गेहूं भीगा है। अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की सिफारिश की गई है। ऐसे में अब अधिकारियों ने भी अपना पक्ष रखा है।
राकेश चौहान, करनाल। तरावड़ी के सरकारी गोदामों में 90 करोड़ रुपये के गेहूं का बारिश में भीगना बड़े गड़बड़झाले की ओर संकेत कर रहा है। मुख्यमंत्री उड़नदस्ते की जांच में यह स्पष्ट हो चुका है कि डीएफएससी विभाग के एएफएसओ राजीव लाग्यान, निरीक्षक सुरेंद्र सैनी, अशोक राणा व सब निरीक्षक सुरेंद्र कुमार की बड़ी लापरवाही के कारण ही सरकार का 90 करोड़ रुपये का गेहूं बारिश में भीगा है और खराब होने की स्थिति में आ गया है। मुख्यमंत्री उड़नदस्ते के डीएसपी सुशील कुमार ने चारों अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कराने की सिफारिश उच्च अधिकारियों को की है।
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गेहूं के कट्टों में परखी मारकर गेहूं चोरी करना और फिर कट्टों का वजन पूरा करने के लिए उसपर पानी छिड़ककर भीगाने का खेल विभाग में लंबे अरसे से चल रहा है। इस बार भी यही अंदेशा जताया जा रहा है कि कहीं स्टाक में रखे कट्टों में परखी मारकर गेहूं निकाल लिया और फिर वजन पूरा करने के लिए कट्टों को बारिश में उन्हें भीगने दिया।
अभी यह जांच का विषय, लेकिन मुख्यमंत्री उड़नदस्ते की जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि दो गोदामों में अधिकारियों ने तीन करोड़ रुपये के गेहूं में गड़बड़झाला किया है। हालांकि, डीएफएससी के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने तिरपाल के लिए बार-बार उच्च अधिकारियों को पत्र लिखे और जो गेहूं अन्य गोदाम में मिला है। उसका रिकाॅर्ड भी उनके पास है। डीएफएससी विभाग ने भी मामले की जांच के लिए अपने स्तर पर एक टीम बनाई है।
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