शिक्षा की डगमग नैया : कैसी योजना और कौन सा अधिकार, उलझन में जिम्मेदार
जागरण संवाददाता करनाल निशुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के सेक्शन 12

जागरण संवाददाता, करनाल : नि:शुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के सेक्शन 12 (1) (सी) प्रावधान के अनुसार निजी स्कूलों में मेरिट के आधार पर दाखिला किया जाना था लेकिन अभी तक स्कूल संचालक उदासीन रवैया अपना रहे हैं। एक माह बाद कितने बच्चों को दाखिला मिला है यह अभी तक स्पष्ट नहीं है।
प्रत्येक वर्ष आर्थिक रुप से कमजोर मेधावियों को दाखिले कि मशक्कत को दूर करते हुए नियम 134ए को लोप करने के बाद प्रदेश सरकार ने इस बार निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीट आरक्षण की घोषणा की। नियम 134ए को महत्वाकांक्षी योजना बताते हुए 30 अप्रैल तक निजी स्कूलों की इच्छा भी जाननी है। निजी स्कूल संचालकों के गंभीर न होने के कारण बच्चों के भविष्य को लेकर अभिभावक और अधिकारी लाचार दिख रहे हैं। खंड कार्यालयों में अभिभावकों को सहयोग नहीं :
शिक्षा अधिकारियों के अनुसार 1.80 हजार रुपये वार्षिक आय वाले अभिभावक अब नि:शुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के सेक्शन 12 (1) (सी) प्रावधान के अनुसार निजी स्कूल में बच्चे पढ़ाई कर सकेंगे। सरकार ने सख्ती दिखाते हुए फैसले का उल्लंघन करने वाले स्कूल पर कार्रवाई करने का भी प्रावधान रखा है। अभिभावक अभी तक बच्चों को लेकर स्कूलों में दाखिले के लिए भटक रहे हैं। हलवाई की दुकान पर काम करने वाले सतपाल ने बताया कि एक अप्रैल से बेटे को लेकर निजी स्कूलों में दाखिले के लिए भटक रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी जवाब नहीं दे रहे हैं और न उचित जानकारी खंड कार्यालय से मिल रही है। 30 अप्रैल तक सीटों का विवरण देंगे निजी स्कूल :
शिक्षा विभाग की ओर से नियम 134ए को समाप्त करके योजना के तहत निजी स्कूलों से सीटों का ब्यौरा मांगा गया है। विभागीय निर्देशों के अनुसार निजी स्कूलों को 30 अप्रैल तक पोर्टल पर पंजीकरण कर अपनी सहमति देनी है लेकिन इस पोर्टल पर भी स्कूल संचालक सामने नहीं आ रहे हैं। रिस्पांस न मिलने के कारण जिला शिक्षा विभाग की ओर से पत्र जारी किया है। जिला शिक्षा अधिकारी राजपाल चौधरी ने बताया कि कक्षा दो से 12वीं तक जो स्कूल जरूरतमंद मेधावियों को प्रवेश के इच्छुक हैं, वे 23 से 30 अप्रैल तक पोर्टल पर पंजीकरण कर सकेंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार राशि अदा करेगी। कक्षा दो से पांच तक 700 रुपए, कक्षा छह से आठवीं तक 900 रुपए और कक्षा 9 से 12 तक प्रति छात्र 1100 रुपए मासिक या फार्म-6 में घोषित शुल्क राशि जो भी कम होगी, वह विद्यालयों को अदा की जाएगी। अधिकारी ने कहा कि आरटीई और 134ए योजना के तहत दाखिले के लिए निजी स्कूलों द्वारा सहयोग न मिलने पर पत्र जारी किया गया है। 30 अप्रैल के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
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