Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    विदेशी नजरिये से न देखें इतिहास, CM नायब ने दी नसीहत; महाराणा प्रताप जयंती समारोह में हुए शामिल

    Updated: Thu, 29 May 2025 11:12 PM (IST)

    करनाल में मुख्यमंत्री नायब सिंह ने कहा कि भारतीय इतिहास को विदेशी नजरिये से नहीं देखना चाहिए। उन्होंने हल्दीघाटी के युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि महाराणा प्रताप ने मुगलों को हराया था पर कुछ इतिहासकार गलत बताते हैं। उन्होंने कहा कि हमें महापुरुषों का सम्मान करना चाहिए। महाराणा प्रताप का जीवन देशभक्ति और स्वाभिमान का संदेश देता है।

    Hero Image
    सीएम सैनी ने दी इतिहास को विदेशी नजरिये से नहीं देखने की नसीहत।

    जागरण संवाददाता, करनाल। मुख्यमंत्री नायब सिंह ने भारतीय इतिहास को विदेशी नजरिये से नहीं देखने की नसीहत दी है। उन्होंने महाराणा प्रताप और मुगल शासक अकबर के बीच हुए हल्दी घाटी के युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि मुगलों की विशाल सेना के सामने महाराणा प्रताप की सेना छोटी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस युद्ध में मुगल सेना को हार का सामना करना पड़ा था। महाराणा प्रताप ने युद्ध में जीत दर्ज की थी। लेकिन कई विदेशी इतिहास इसे गलत तरह से पेश करते हैं कि इस युद्ध में मुगलों की जीत दिखाते हैं। जो ऐतहासिक दृष्टि से गलत है। इसलिए भारतीय इतिहास को विदेशी नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए।

    उन्होंने पहलगाम की आतंकी घटना का जिक्र करते हुए कहा कि महाराणा प्रताप के दिखाए रास्ते पर चलकर ही पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ मुंहतोड़ जवाब दिया है। वह गांव सालवन में महाराणा प्रताप जयंती पर आयोजित प्रदेश स्तरीय समारोह में विचार व्यक्त कर रहे थे।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि जो समाज एवं राष्ट्र अपने महापुरुषों, वीरों व शहीदों को याद करता है, उनका सम्मान करता है, वह सदा समृद्धि और प्रगति की ओर अग्रसर होता है। इसलिए, हमारी सरकार ने संतों-महापुरुषों की जयंतियों को सरकारी स्तर पर मनाने की पहल की।

    उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पहले केवल अपने परिवारों के महापुरुषों को ही याद किया जाता था। समाज से उन्हें कोई सरोकार नहीं था।

    उन्होंने वीर सपूत महाराणा प्रताप को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि महापुरुष पूरे राष्ट्र की धरोहर होते हैं। उनका व्यक्तित्व हमें देशभक्ति, आपसी भाईचारे और एकता की महान परंपराओं को और अधिक मजबूत बनाने तथा प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए प्रेरणा देता है।

    उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप सिर्फ इतिहास की उन विभूतियों में से एक हैं, जिन्होंने न कभी झुकना सीखा और न ही कभी हार मानना सीखा। वे हमारे योद्धाओं, शासकों और युवाओं की प्रेरणा हैं।

    उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप ने जब शासन संभाला तो मुगल शासक अकबर ने उन्हें चार बार अधीनता स्वीकार करने को कहा, लेकिन उन्होंने अधीनता स्वीकार नहीं की। हल्दी घाटी का युद्ध इतिहास के पन्नों में केवल एक लड़ाई नहीं, बल्कि संस्कृति बनाम सत्ता, स्वाभिमान बनाम साम्राज्यवाद और धर्म-अधर्म का संघर्ष था। इस युद्ध में आठ हजार राजपूत वीरों ने 40 हजार मुगलों को परास्त किया।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराणा प्रताप का जीवन हमें संदेश देता है कि जब तक स्वाभिमान जीवित है, तब तक आत्मा जीवित है। वह एक ऐसे महान योद्धा थे, जिन्होंने जंगलों में कष्ट सहकर भी मातृभूमि के स्वाभिमान को झुकने नहीं दिया।