करनाल में बर्खास्त कॉन्स्टेबल भेजा गया जेल, कौशल चौधरी गैंग के बदमाश को पासपोर्ट दिलाने में की थी मदद
करनाल पुलिस ने कौशल चौधरी गैंग के सदस्य सौहार्द का पासपोर्ट गलत पते पर बनवाने के आरोप में बर्खास्त सिपाही श्याम सुंदर को गिरफ्तार किया। श्याम सुंदर की मुलाकात सौहार्द से देहरादून जेल में हुई थी। सौहार्द पर यमुनानगर में 16 मामले दर्ज हैं और वह कौशल गैंग से जुड़ा है। एसटीएफ ने उसे और उसके साथी पारस को गिरफ्तार किया था जिनके पास से हथियार बरामद हुए थे।

जागरण संवाददाता, करनाल। कौशल चौधरी गैंग से जुड़े यमुनानगर के बदमाश सौहार्द उर्फ शिवम का पासपोर्ट अपने पते पर बनवाने के मामले में आरोपित बर्खास्त कॉन्स्टेबल श्याम सुंदर को गिरफ्तार कर लिया है।
आरोपित को बाद में अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पासपोर्ट के लिए पुलिस वेरिफिकेशन किसने की थी, इसकी भी जांच की जा रही है। यह खुलासा पुलिस की जांच में हो चुका है।
आरोपित कॉन्स्टेबल मंगल कॉलोनी का रहने वाला है। जो 2004 में पुलिस विभाग में कॉन्स्टेबल पद पर नियुक्त हुआ था लेकिन आरोपित तीन साल की नौकरी कर पाया और किसी मामले में उसे 2007 में पुलिस विभाग ने कॉन्स्टेबल पद से बर्खास्त कर दिया था।
बर्खास्त होने के बाद श्याम सुंदर एक धोखाधड़ी के मामले में 2023 में देहरादून जेल में गया था। वहां बदमाश सौहार्द भी जेल में बंद था। इस दौरान उसकी बदमाश सौहार्द से मुलाकात हुई।
शिवम का यमुनानगर में क्रिमिनल रिकॉर्ड
बदमाश सौहार्द उर्फ शिवम यमुनानगर का रहने वाला है। यमुनानगर में उसके खिलाफ अलग अलग धाराओं में 16 मामले दर्ज है। उसपर पिता के साथ मारपीट करने का भी मामला दर्ज है। सौहार्द लंबे समय से कौशल गैंग से जुड़ा हुआ है।
30 जून को सौहार्द और दिल्ली निवासी उसके साथी पारस को एसटीएफ करनाल की टीम ने करनाल से गिरफ्तार किया था। आरोपितों से विदेशी दो पिस्टल और एक गन बरामद की गई थी।
इन दोनों पिस्टलों का प्रयोग कुरुक्षेत्र में 27 जून को अमन ढाबे पर फायरिंग के मामले में प्रयोग किया गया था। सौहार्द का काम था कि वह शूटरों को वारदात की जगह पर लेकर जाता था, उन्हें हथियार उपलब्ध कराता था।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।