बारात आने से पहले पहुंची CWC की टीम, नाबालिग की रुकवाई शादी; 17 दिन कम थी लड़की की उम्र
करनाल चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने निसिंग के बांसा गांव में नाबालिग लड़की की शादी रुकवाई। सूचना मिलने पर कमेटी ने विवाह स्थल पर पहुंचकर लड़की के दस्तावेजों की जांच की और पाया कि वह 18 वर्ष से कम है। कमेटी के हस्तक्षेप के बाद परिवार ने शादी रोकने पर सहमति जताई और कानूनी प्रक्रिया का पालन करने का आश्वासन दिया। कमेटी अध्यक्ष ने बाल विवाह के खिलाफ सख्त संदेश दिया।
संवाद सहयोगी, निसिंग। बांसा गांव में दो बहनों की शादी एक साथ धूमधाम से की जा रही थी। कैथल के कसान गांव से दरवाजे पर बारात आने वाली थी। शादी की शहनाई बज रही थी, लेकिन इनमें एक लड़की नाबालिग थी। जिसके 18 वर्ष पूरे होने में 17 दिन की कमी थी। इसकी भनक चाइल्ड वेलफेयर कमेटी करनाल को लगते ही टीम पुलिस के साथ मौके पर धमक गई।
कमेटी के अध्यक्ष उमेश कुमार ने दोनों लड़कियों की आयु के दस्तावेज मांगे। जिसमें छोटी बेटी के बालिग होने में 17 दिन शेष मिले। उमेश चानना ने शादी को रुकवाया। सरपंच से भी संपर्क किया। उन्हें जिम्मेदारी का पाठ पढ़ाया। लड़की के पिता ने कहा कि उन्हें कानून के बारे में नहीं पता था।
यदि ऐसा करना गुनाह है तो वे शादी रोक देंगे और 17 दिन बाद ही नाबालिग बेटी की शादी करेंगे। इसके बारे में स्वजन ने लिखित में भी दिया है, लेकिन टीम ने स्पष्ट किया की मामले में वे किसी प्रकार का रिस्क नहीं लेंगे। उमेश कुमार ने कहा कि बड़ी बेटी की शादी के बाद शाम को नाबालिग लड़की को करनाल बुलाया है। जिसे वन स्टॉप सेंटर में भी रख सकते है। लड़की के सीडब्लूसी के समक्ष बयान करवाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति 18 वर्ष से पहले बेटी की शादी न करे। यह कानूनन अपराध है। इसमें शादी होने के बाद पोक्सो एक्ट भी लगना स्वाभाविक है। केवल लड़की की ही नहीं लड़के की आयु 21 वर्ष से एक दिन भी कम नहीं होनी चाहिए।
नाबालिग की शादी रुकवाना ग्रामीणों के लिए एक संदेश भी है। गौरतलब है कि लड़की की शादी कसान के लड़के के साथ होनी थी। हालांकि ग्रामीणों ने अपील भी की कि लड़की के पिता गरीब आदमी है, वह मजदूरी करते हैं। केवल शादी कर देंगे लेकिन नागालिग बेटी को ससुराल नहीं भेजेंगे, लेकिन टीम के समझाने पर परिवार ने कानूनी प्रक्रिया को स्वीकार किया।
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