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    बीमारियों से बचने के लिए सावधानी जरूरी, अनदेखी पड़ सकती है जान पर भारी

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 19 Aug 2022 06:18 PM (IST)

    जागरण संवाददाता करनाल बदलते मौसम में मक्खी व मच्छरों से बचाव की जरूरत है। इस मौसम में मलेि

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    बीमारियों से बचने के लिए सावधानी जरूरी, अनदेखी पड़ सकती है जान पर भारी

    जागरण संवाददाता, करनाल : बदलते मौसम में मक्खी व मच्छरों से बचाव की जरूरत है। इस मौसम में मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू फैलने का खतरा लगातार बना है। बारिश होने के बाद जगह-जगह पानी जमा होने के कारण मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल स्थिति बन जाती है। चिकित्सकों का कहना है कि इन बीमारियों से बचाव कैसे किया जा सकता है, इसे लेकर सचेत होना होगा। मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए सफाई का ध्यान रखना है और आसपास पानी जमा नहीं होने देना है ताकि लार्वा न पनप सके। चार साल में डेंगू से 104 की मौत

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    डेंगू बुखार पीड़ित के ब्लड में डेंगू वायरस की मात्रा अधिक होती है। मच्छर जब मरीज को काटता है तो यह वायरस उसके शरीर में चला जाता है। मच्छर काटने के लगभग तीन से पांच दिन में डेंगू के लक्षण दिखने लगते हैं और बुखार होने में दस दिन का समय भी लग सकता है। डेंगू के साधारण बुखार के अलावा हेमरेजिक और शाक सिड्राम बुखार भी होते हैं जो खतरनाक साबित हो सकते हैं। बीते वर्षों के आंकड़े देखें तो चार साल में डेंगू से 104 लोगों की मौत हुई। 2017 में 234 मामले सामने आए जबकि 85 की मौत हुई। 2018 में 104 केस और 17 मौत, 2019 में 29 मामले और एक मौत हुई। 2020 में 93 मामलों में दो मरीजों की जान गई। ठंड लगना, तेज बुखार व कमजोरी प्रमुख लक्षण

    डिप्टी सिविल सर्जन मंजू पाठक ने बताया कि डेंगू बुखार के कारण मरीज को ठंड लगना, अचानक तेज बुखार, सिर-मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्सों में दर्द, कमजोरी, मुंह का स्वाद खराब होना, शरीर के अंगों पर लाल-गुलाबी चिकत्ते जैसे लक्षण हो सकते हैं। डेंगू से बच्चों का इम्युन सिस्टम कमजोर होता है। अधिकतर बच्चे खुले में रहते हैं इसलिए बच्चों को पूरे कपड़े पहनाएं और आसपास गंदगी जमा न होने दें। बुखार की सूरत में चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें। बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य को लेकर सावधानी की जरूरत है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए खानपान काफी महत्वपूर्ण है। उबला पानी ठंडा करके पीयें, मैदा से बनी बासी वस्तुएं न खाएं, भोजन में हल्दी, अजवाइन, अदरक, हींग का प्रयोग, पत्तेदार सब्जियों से परहेज करना चाहिए। अधिक मिर्च मसाले या तला-भुना खाने से बचें। छाछ, नारियल पानी, नींबू पानी, विटामिन-सी वाली वस्तुओं में आंवला, संतरा, मौसमी का अधिक सेवन करें। बदलते मौसम में बरतें एहतियात

    सिविल सर्जन डा. योगेश शर्मा ने कहा कि मच्छर के काटने से डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी घातक बीमारियां होती हैं। जलभराव की वजह से मच्छर पैदा होते हैं। मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों के प्रति लोगों का जागरूक होना जरूरी है। मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया से बचाव के लिए पानी के बर्तन, टंकी, घड़ों आदि ढ़ककर रखें और सप्ताह में एक बार फूलदान, फ्रिज की ट्रे, पशु व पक्षियों के बर्तन व ड्रमों को खाली करके सुखाएं। फिर पानी डालें। शरीर पूरी तरह ढ़कने वाले कपड़े पहने। ठहरे पानी में लार्वा नाशक दवा डालें। डेंगू से हर साल सैकड़ों लोग अपनी जान गवां देते हैं। लक्षण दिखने पर चिकित्सक से संपर्क करें।

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