आसमान में परिदों पर कहर बनकर टूटी प्रतिबंधित चाइनीज डोर
चाइनीज डोर पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रत्येक वर्ष प्रशासन योजना बनाता है लेकिन हर बार दुकानदारों के साथ युवा इसे वसंत की धूम में उड़ा देते हैं। चाइनीज डोर इसांनों के साथ-साथ आसमान में परिदों के लिए भी खतरनाक साबित हुई। युवा बेशक एक-दूसरे की पतंग काटने में जोश से लबालब थे लेकिन वे इस बात से अंजान रहे कि घातक डोर से परिदे मौत की भेंट चढ़ जाते हैं।

जागरण संवाददाता, करनाल : चाइनीज डोर पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रत्येक वर्ष प्रशासन योजना बनाता है, लेकिन हर बार दुकानदारों के साथ युवा इसे वसंत की धूम में उड़ा देते हैं। चाइनीज डोर इसांनों के साथ-साथ आसमान में परिदों के लिए भी खतरनाक साबित हुई। युवा बेशक एक-दूसरे की पतंग काटने में जोश से लबालब थे, लेकिन वे इस बात से अंजान रहे कि घातक डोर से परिदे मौत की भेंट चढ़ जाते हैं।
सेक्टर-6 स्थित भवन में जीवो मंगलम संस्था की ओर से घायल परिदो का ईलाज किया जाता है । वसंत पंचमी के दिन यहां पक्षी प्रेमियों ने सड़कों से घायल पक्षियों को ईलाज के लिए पहुंचाया। जानकारी के अनुसार लगभग 70 अलग-अलग पंछी चाइनीज डोर का शिकार हुए जबकि दो मामले नागरिक अस्पताल में चायनीज डोर से घायल होने वाले व्यक्तियों के सामने आए।
अलग-अलग प्रजाति के पक्षी हुए घायल
साध्वी संतोष कुमारी ने बताया कि जीवो मंगलम संस्थान की शुरुआत वर्ष-2000 में की गई थी और वर्ष-2002 में घायल पक्षियों का ईलाज शुरू किया गया था। लोगों द्वारा दूरदराज के क्षेत्रों से बेजुबान जीवों को यहां ईलाज के लिए लाया जाता है। 21 वर्ष में लगभग 4800 जीवों का इलाज संस्था कर चुकी है। साध्वी ने बताया कि वसंत पंचमी के दिन पक्षियों पर चाइनीज डोर कहर बनकर गिरती है। सुबह से ही कबूतर, तोता सहित लगभग 70 पक्षी शाम तक पहुंचे। पक्षी प्रेमी एसडी अरोड़ा ने बताया कि चाइनीज डोर से पक्षियों की मौत का जिम्मेदार किसे कहा जाए, यह चिता का विषय है। कहने को प्रत्येक वर्ष प्रशासन खानापूर्ति के नाम पर चाइनीज डोर पर पाबंदी के आदेश जारी करता है, लेकिन हर वर्ष सरेआम यह घातक डोर बिकती है और जीवों को नुकसान पहुंचाती हैं। 29 अप्रैल तक चाइनीज डोर पर पाबंदी जारी
उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि पतंग उड़ाने में प्रयोग होने वाली चाइनीज डोर बेचने व उसके प्रयोग पर आगामी 29 अप्रैल तक प्रतिबंध लागू रहेगा। उनकी ओर से जारी आदेशों के अनुसार आपराधिक प्रक्रिया नियमावली 1973 की धारा 144 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए आदेश जारी कर जिले में पंतग उड़ाने में प्रयोग होने वाली चाइनीज डोरी के बेचने व उसके प्रयोग करने पर प्रतिबंध लगाया गया है। जो व्यक्ति इन आदेशों की अवहेलना करेगा उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कानूनी कार्यवाही की जाएगी। हाईवोल्टेज की तारों से टकराने से हो सकता हादसा
उपायुक्त ने आदेशों में कहा कि पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय के एचसी. अरोड़ा बनाम स्टेट आफ पंजाब व अन्य की याचिका से जुड़े निर्णय के अनुसार पंतग उड़ाने के लिए प्रयोग की जाने वाली चाइनीज डोरी काफी खतरनाक है। यह डोरी ऐसी प्लास्टिक से बनाई जाती है, जो काफी मजबूत होती है। यदि यह डोरी हाईवोल्टेज तारों से टकरा जाए तो बड़ी दुर्घटना भी हो सकती है। इस डोरी के प्रभाव से कई व्यक्ति घटना के शिकार हुए हैं। ऐसी घटना न घटे, इसके लिए जिला में चाइनीज डोरी बेचने, प्रयोग करने व डोरी को स्टोर करने पर प्रतिबंध लगाया गया है। यह अभी लागू रहेगा। आदेशों की पालना के लिए पुलिस अधीक्षक, नगर निगम आयुक्त, सभी नगर पालिका सचिव, जिला व सहायक लेबर आयुक्त को जिम्मेदारी दी गई है।
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