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    Karnal: समसपुर गांव के पास टूटा एक और बांध, तीस से अधिक गांवों में घुसा पानी; यमुना पुल तीसरे दिन भी बंद

    By Jagran NewsEdited By: Preeti Gupta
    Updated: Wed, 12 Jul 2023 09:51 AM (IST)

    Karnal News करनाल में यमुना नदी से सटे क्षेत्रों में तबाही का आलम है। देर रात क्षेत्र के समसपुर गांव के पास एक और तटबंध टूटने से चिंता बढ़ गई है। अब करीब तीस गांव खतरे की जद में हैं। राहत सामग्री पहुंचाने में तीन नाव का प्रयोग किया जा रहा है। यमुना पुल का हिस्सा पानी में डूबने से दोनों प्रदेशों के बीच लगातार तीसरे दिन आवागमन बंद है।

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    समसपुर गांव के पास एक टूटा एक और बांध

    जागरण संवाददाता, करनाल। करनाल में यमुना नदी से सटे क्षेत्रों में तबाही का आलम है। यहां गढ़पुर टापू के पास टूटे बांध की मरम्मत लगातार तीसरे दिन जारी है तो देर रात क्षेत्र के समसपुर गांव के पास एक और तटबंध टूटने से चिंता बढ़ गई है। अब करीब तीस गांव खतरे की जद में हैं। राहत सामग्री पहुंचाने में तीन नाव का प्रयोग किया जा रहा है।

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    यमुना के साथ लगे गांवों में पानी भरने के साथ हजारों एकड़ भूमि में खड़ी धान और गन्ने आदि की फसल डूब चुकी है। हरियाणा-उत्तर प्रदेश सीमा पर गांव शेरगढ़ टापू के पास हरियाणा क्षेत्र में बने यमुना पुल का हिस्सा पानी में डूबने से दोनों प्रदेशों के बीच लगातार तीसरे दिन आवागमन बंद है। सभी जगह प्रशासनिक टीम दौरे कर रही हैं। राहत, बचाव और आवश्यकतानुसार मरम्मत का काम जारी है। इसके बावजूद गांवों के हालात चिंताजनक बने हैं।

    प्रशासन ने बनाया एक्शन प्लान

    इंद्री क्षेत्र में यमुना से सटे गांवों के चिंताजनक हालात देखते हुए पुलिस प्रशासन व्यापक स्तर पर राहत कार्य चलाने के साथ ही विभिन्न विभागों के समन्वय से दिन-रात कार्य कर रहा है। पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन ने बताया कि पानी का बहाव अभी भी काफी ज्यादा है, जिस पर नियंत्रण पाने के लिए समय लग रहा है। ऐसे में विशेष एक्शन प्लान तैयार किया गया है।

    टीमों द्वारा लगातार जलभराव में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने इंद्री के उप पुलिस अधीक्षक, थाना प्रबंधक और ब्याना चौकी इंचार्ज को आदेश दिए कि वे क्षेत्र के समस्त सरपंचों व अन्य लोगों से संपर्क बनाए रखें।

    हजारों ग्रामीण परेशान, मदद का इंतजार

    इंद्री क्षेत्र के गढ़पुर टापू और समसपुर के निकट तटबंध टूटने के बाद आसपास के 25 से अधिक गांव बाढ़ के पानी से सीधे तौर पर प्रभावित हैं। इन तमाम गांवों के खेतों व गलियों में पानी बह रहा है। वहीं, क्षेत्र में हजारों एकड़ फसल पर पानी फिर गया। इन गांवों में करीब 15 हजार लोग रहते हैं।

    हलवाना के ग्रामीण सुखविंद्र सिंह का कहना है कि मंगलवार को अपनी झोपड़ी में बैठकर चाय पी रहे थे तभी तेज बहाव आ गया और 10 मिनट के अंदर उनके बकरी, भेड और सुअर आदि जानवर डूब गए। हालांकि, कुछ जानवरों को बचा लिया।

    कुछ का पता नहीं है। उनकी झोपड़ी भी पानी में बह गई। गेहूं, आटा व अन्य सामान भी पानी में बह गया। बच्चों के साथ जान बचाकर गांव की तरफ भागे और ऊंचाई पर बने एक व्यक्ति के घर में शरण ली। डेरा हलवाना के दीपक का कहना है कि कई झोपडियां पानी में डूब गई हैं। यहां ज्यादातर ग्रामीण दिहाड़ी करके अपने परिवारों को पाल रहे हैं। प्रशासन की मदद का इंतजार है।

    15 जुलाई तक वर्षा की संभावना

    करनाल सहित उत्तर हरियाणा के विभिन्न जिलों में मंगलवार की रात से ही वर्षा का सिलसिला कायम है। इससे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य में मुश्किलें पेश आ रही हैं। वहीं मौसम विशेषज्ञों के अनुसार लगातार सक्रिय मानसून और उत्तरी पाकिस्तान से लेकर उत्तर पूर्व अरब सागर तक विस्तारित पश्चिमी विक्षोभ के कारण बनी मौसमी गतिविधियों के कारण हरियाणा के ज्यादातर जिलों में लगातार भारी या अत्याधिक भारी श्रेणी की वर्षा दर्ज की जा रही है।

    पूर्वानुमान के अनुसार यह स्थिति 15 जुलाई तक बनी रह सकती है। ऐसे में अंबाला, पंचकूला से लेकर यमुनानगर, कुरुक्षेत्र व करनाल जैसे जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। करनाल में बुधवार सुबह तक 31.6 एमएम वर्षा रिकार्ड की गई।