हरियाणा में तबादलों के इंतजार में 60 हजार शिक्षक, तीन सालों से लगा है ब्रेक
हरियाणा में तीन साल से अध्यापकों के तबादलों पर रोक लगी है जिससे शिक्षक संगठनों में नाराजगी है। सरकार ने अप्रैल जून और सितंबर में तबादलों का आश्वासन दिया पर मामला लटका रहा। लगभग 60 हजार अध्यापक तबादले का इंतजार कर रहे हैं। शिक्षक संगठनों ने सरकार और शिक्षा मंत्री पर झूठे वादे करने का आरोप लगाया है और जल्द तबादला ड्राइव शुरू करने की मांग की है।

जागरण संवाददाता, करनाल। हरियाणा में तीन साल से अध्यापकों के तबादलों पर ब्रेक लगी है। सरकार और शिक्षा मंत्री के बार-बार के आश्वासनों से शिक्षक संगठनों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। अप्रैल, जून और फिर सितंबर माह में तबादलों का आश्वासन दिया गया था, लेकिन बार बार मामले को लटकाया जा रहा है। प्रदेश के 60 हजार अध्यापकों को तबादले का इंतजार है।
अध्यापकों ने मांग उठाई है कि जल्द तबादला ड्राइव शुरू किया जाए। शिक्षा विभाग में एक लाख के करीब शिक्षक हैं। इनमें 40 हजार पीजीटी, 40 हजार जेबीटी और 20 हजार के करीब टीजीटी अध्यापक हैं। तीन साल पहले हुए तबादला ड्राइव में 60 हजार के करीब अध्यापकों के तबादले किए गए थे।
अब तीन साल के बाद फिर से इतने ही अध्यापक अपने स्टेशन बदलने की कोशिश में है, लेकिन सरकार द्वारा तबादला ड्राइव को हरी झंडी नहीं मिलने से शेड्यूल जारी नहीं हो पाया रहा है। शुरुआत में दिसंबर 2024 में यह मुद्दा उठा था, लेकिन उस समय सरकार बीच सत्र में शिक्षकों का तबादला करने से इनकार कर दिया था।
उस समय कहा गया था नए सत्र की शुरुआत अप्रैल में तबादले किए जाएंगे, लेकिन शिक्षा विभाग इसके लिए तैयारी नहीं कर पाया। इसके बाद मामला लगातार लंबित चल रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि तबादला नीति में संशोधन को लेकर मुख्य सचिव के पास फाइल लंबित है। यहां से मंजूरी मिलने के बाद ही तबादला ड्राइव को लेकर सरकार कोई फैसला लेगी।
इस बारे में शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा भी कह चुके हैं कि जल्द ही शिक्षकों के तबादले होंगे, लेकिन फिलहाल यह आश्वासन सिरे चढ़ते नजर नहीं आ रहे। सितंबर 2022 में हुए थे तबादले सितंबर 2022 में तीन साल पहले शिक्षकों के तबादले हुए थे। इसके बाद से कोई ड्राइव नहीं चला है। साल 2016 में शिक्षा विभाग में आनलाइन तबादला नीति लागू की गई थी। नियमों के तहत हर साल तबादला होना था।
साल 2016, 17, 19 और 2022 में ही अध्यापकों के तबादले हुए। इसके बाद जितनी भी नई नियुक्ति हुई हैं और प्रमोशन हुई हैं, जिनकी संख्या हजारों में हैं, सबको अस्थायी स्टेशन दिए गए हैं। सबके आदेशों में साफ-साफ लिखा है, अस्थायी। हजारों की संख्या में ऐसे अध्यापक हैं, जो 300 किलोमीटर दूरी पर नौकरी कर रहे हैं, उनको आस है कि जल्द तबादला ड्राइव शुरू किया जाएगा।
विभाग और मंत्री का फेलियर: सिंधु
हसला के राज्य प्रधान सतपाल सिंधु का कहना है कि यह शिक्षा विभाग और शिक्षा मंत्री का फेलियर है। बार-बार झूठे दावे और आश्वासन किए जाते हैं। तबादलों को लेकर जल्द ही शिक्षा मंत्री से मिलकर मांग उठाई जाएगी।
वहीं, अध्यापक तबादला संघर्ष समिति के राज्य प्रधान कृष्ण निर्माण का कहना है कि बार-बार तबादले अटकाने से शिक्षकों पर मानसिक असर पड़ रहा है। साथ ही शैक्षणिक माहौल पर भी असर पड़ रहा है। जल्द तबादला ड्राइव शुरू किया जाए।
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