स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना की दी जानकारी
जागरण संवाद केंद्र, करनाल : एडीसी गिरीश अरोड़ा ने कहा कि गरीब व्यक्ति अपनी आमदनी बढ़ाने, आर्थिक जरूरतों को पूरा करने व आकस्मिक विपत्ति के समय पैसे की जरूरत को पूरा करने के लिए स्वयं सहायता समूह का गठन कर सकते है। स्वयं सहायता समूह के सदस्य अपनी आमदनी से छोटी-छोटी बचत कर जमा कराता है। उस राशि में से सदस्यों को उनकी घरेलू या आकस्मिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कर्जा दिया जाता है। जिले में इस समय एक हजार 964 स्वयं सहायता समूह कार्यरत हैं।
उन्होंने कहा कि स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत स्वयं सहायता का गठन किया जाता है। ताकि गरीब व्यक्ति अपनी जरूरत के अनुसार ऋण लेकर अपना स्वरोजगार स्थापित कर सके। स्वयं सहायता समूह में 70 प्रतिशत बीपीएल परिवार के सदस्य व 30 प्रतिशत एपीएल परिवार के सदस्य शामिल हो सकते है। समूह के गठन के सदस्यों की आयु 18 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए। एक समूह में एक परिवार का एक सदस्य शामिल हो सकता है। बनाए गए स्वयं सहायता समूह को छह माह की अवधि पूर्ण होने पर संबंधित बैंक से 25 हजार रुपये की राशि कैश क्रेडिट लिमिट के रूप में दिलवाई जाती है। इस राशि का उपयोग वह निजी आवश्यकताओं या उत्पादक कार्यो के लिए कर सकते है। स्वयं समूह की समय-समय पर ग्रडिंग की जाती है। स्वयं सहायता समूह के पास कार्यवाही व सदस्यता पंजिका, मासिक बचत खाता, व्यक्तिगत ऋण खाता, संयुक्त खाता, बचत व ऋण पास बुक संबंधी दस्तावेज होने जरूरी हैं। एक वर्ष की अवधि पूर्ण होने के बाद समूहों का मूल्याकंन करने के बाद ग्रेडिंग में उत्तीर्ण होने पर उन्हें ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा। सामुहिक तौर पर कार्य करने वाले समूह को निकाय की ओर से 50 प्रतिशत व एक लाख 25 हजार रुपये अधिकतम अनुदान दिया जाएगा। व्यक्तिगत ऋण लेने पर निकाय द्वारा आम स्वरोजगारी को 30 प्रतिशत या अधिकतम सात हजार 500 रुपये व अनुसूचित जाति के स्वरोजगारियों को 50 प्रतिशत या अधिकतम दस हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा। ऋण वापसी के लिए अवधि किस्त निर्धारित की जाएगी।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।