Haryana News: अधिक बारिश से खतरे में धान की फसल, पीली फंगस से भारी नुकसान; किसानों के उड़े होश
कैथल के ढांड क्षेत्र में अत्यधिक वर्षा के कारण धान की फसल में पीली फंगस का प्रकोप बढ़ गया है जिससे किसानों की फसल का 50% तक नुकसान हो गया है। वैज्ञानिक भी इस रोग के आगे बेबस नजर आ रहे हैं और किसान अपनी फसल को बचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। किसानों को सरकार से मुआवजे की उम्मीद है।

तेजवीर मेहरा, ढांड (कैथल)। एक तरफ अच्छी वर्षा जहां धान की फसल के लिए आवश्यक ही नहीं बल्कि अनिवार्य है, वहीं दूसरी ओर ज्यादा वर्षा व जलजमाव के कारण पौधों में पीली फंगस रोगों का प्रकोप बढ़ गया है। धान का कटोरा कहे जाने वाले ढांड - कौल क्षेत्र के किसान आज-कल इन्हीं हालातों से गुजर रहे हैं।
जगह-जगह पीली फंगस ( पीली ढोढी) पड़ रही धान की फसल को देखकर अन्नदाताओं के होश उड़ गए हैं। इस फंगस रोग से वैज्ञानिक भी हाथ खड़े करते नजर आए, वहीं क्षेत्रीय किसान अपने ढंग से धान की फसल को बचाने के लिए तरह तरह के प्रयास करते देखे जा रहे हैं।
ज्यादा वर्षा से पीली फंगस 50 प्रतिशत धान की बालियों में आई है फसल को तैयार होने में अभी एक महीने का समय बाकी है, जबकि अभी भी फसलों पर रोग का खतरा मंडराने लगा है। क्षेत्र के जागरूक किसान कर्ण सिंह , ईश्वर सिंह, पवन कुमार, जगदीश व ईशम सिंह का कहना है स्थानीय किसान रोग ग्रस्त पौधों का इलाज अपने ढंग से जरूर कर रहे हैं, बल्कि अपेक्षित लाभ न होता देख उनकी परेशानी बढ़ती ही जा रही है।
फसल में बीमारी से हो रहा नुकसान
पीली फंगस से 50 प्रतिशत धान की फसल हुई तबाह, किसानों को सरकार से मुआवजे की आस। पिछले दो सप्ताह में दो बार वर्षा का जबरदस्त दौर चला है। इसका पहला दौर तो क्षेत्र की खेती झेल गई। लेकिन पिछले दिनों तीन दिन तक लगातार हुई वर्षा ने किसानों के लिए आफत पैदा कर दी है।
उनकी खेतों में खड़ी करीब 50 प्रतिशत खेती नष्ट हो चुकी है। विभिन्न गांवों के किसानों की खेती भारी बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुई है। किसानों ने सरकार से बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे और कर्ज माफी की मांग की है।
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