शिव भक्ति ही कल्याण का मार्ग: जमुना पूरी महाराज
सनातन धर्म मंदिर में चल रही शिव महापुराण कथा के चौथे दिन भी श्रद्धालुओं ने बढ़चढ़ भाग लिया। चौथे दिन कार्यक्रम की अध्यक्षता सभा के प्रधान रवि भूषण गर्ग ने की। मुख्यातिथि के तौर पर प्रमुख समाज सेवी राम प्रकाश कालड़ा ने की।
जागरण संवाददाता, कैथल :
सनातन धर्म मंदिर में चल रही शिव महापुराण कथा के चौथे दिन भी श्रद्धालुओं ने बढ़चढ़ भाग लिया। चौथे दिन कार्यक्रम की अध्यक्षता सभा के प्रधान रवि भूषण गर्ग ने की। मुख्यातिथि के तौर पर प्रमुख समाज सेवी राम प्रकाश कालड़ा ने की। कालड़ा ने ज्योति जगा कथा का शुभारंभ किया। कथावाचक जमुना पूरी महाराज ने बताया कि पुरा बह्रामांड भगवान शिव का रूप है। भगवान शिव की पूजा अर्थात भक्ति करने से मानव का कल्याण होता है। उन्होंने बताया कि आम आदमी की बात तो छोड़ों लंका पर चढाई करने से पहले भगवान राम ने समुद्र के किनारे शिव लिग की स्थापना की। शिव की अराधना की। उसके बाद लका पर चढाई। कर रावण के साथ युद्ध किया और विजय प्राप्त की। वही स्थान बाद में रामेश्वरम के नाम से प्रख्यात हुआ। महाभारत के युद्ध से कौरवों पर विजय प्राप्त करने के पाण्डवों ऊ नमो शिवाय का जप करवाया। यह भगवान कृष्ण की शिव भक्ति का बहुत बडा प्रकरण है। महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 ने बताया कि हम चित्रों में भगवान राम को भगवान कृष्ण को शिव भक्ति करते हुए पाएंगे। लेकिन किसी चित्र मे शिव को किसी भक्ति करते हुए नही पाएगे ब्रह्मा, विष्णु और महेश संसार के रचेता है। तीनों के विभाग अलग -अलग है। उन्होंने बताया कि अपने उपर सयम रखना अतिअवश्यक है। ब्रहा श्वेत वस्त्र पहनते है। विष्णु पिताम्बर पहनते है। जबकि भोले बाबा शेर की खाल पहनते है कथो कि शेर संयम का प्रतीक है। भगवान गणेश का जिक्र करते हुए कहा कि गणेश के चार हाथ मौघक, एक हाथ से अशीर्वाद तथा एक हाथ किताब गणेश सयंम के प्रतीक है।
इस मौके पर श्याम सुन्दर बंसल, सुभाष गोयल, इन्द्र बंसल, सुरेन्द्र गर्ग, पवन गर्ग, रवि मितल, सुभाष बंसल, चन्द्र प्रकाश गोयल, प्रेम सिगला, हरी मिश्रा, धर्मवीर कैमिस्ट, मुकेश निरवानियां, नरेश गर्ग, बाल मुकंद, सुमित कुमार, राकेश मितल, श्रीराम शोरे वाले, रमेश बंसल, विनय वर्मा, एडवोकेट सुन्दर लाल वर्मा मौजूद थे।
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