संस्कृत भाषा से आपसी व्यवहार में मधुर भाव प्रकट होता : श्रेयांश
राजकीय कॉलेज में चल रहे महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय मूंदड़ी कैथल का संस्कृत सप्ताह सोमवार को संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन व सरस्वती वंदना के साथ हुआ। कार्यक्रम में संस्कृत स्वागत गीत (कुलवंत) संस्कृत गीत नाटक संस्कृत में दूरवाणी वार्तालाप संस्कृत रागणी (प्रदीप परासर अंकुर शुक्ला व दीपक द्वारा) का गायन किया गया
जागरण संवाददाता, कैथल :
राजकीय कॉलेज में चल रहे महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, मूंदड़ी, कैथल का संस्कृत सप्ताह सोमवार को संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन व सरस्वती वंदना के साथ हुआ। कार्यक्रम में संस्कृत स्वागत गीत (कुलवंत), संस्कृत गीत, नाटक, संस्कृत में दूरवाणी वार्तालाप, संस्कृत रागणी (प्रदीप परासर, अंकुर शुक्ला व दीपक द्वारा) का गायन किया गया। कुलपति श्रेयांश द्विवेदी ने कहा कि पढ़ाई केवल कागजी डिग्रियों के लिए न करें बल्कि योग्य, संस्कार वान व देशहित में कार्य करने के लिए करें।
उन्होंने कहा कि भविष्य में संस्कृत क्षेत्र में सभी प्रकार का रोजगार प्राप्त होगा। इसके साथ ही उन्होंने प्रतिवर्ष संस्कृत ग्राम बनाने का संकल्प लिया। डॉ. राम निवास सेवानिवृत्त मुख्यध्यापक ने बताया कि संस्कृत ही एक ऐसी भाषा है, जिससे आपसी व्यवहार में मधुर भाव प्रकट होता है। वित्त नियंत्रक नवीन जैन ने संस्कृत में देशभक्ति गीत गाकर अपने विचार प्रस्तुत किए। अंत में मंच संचालक अनिल शास्त्री ने विश्व कल्याण के लिए कल्याण मंत्र, जयघोष के नारों के साथ गत सप्ताह से चल रहे संस्कृत सप्ताह कार्यक्रम का समापन किया गया। इस मौके पर कुलसचिव प्रो. डॉ. यशवीर सिंह, नवीन जैन, डॉ. रामनिवास, डॉ. राजेश्वर प्रसाद मिश्र, जयपाल रोहिला, डीडी न्यूज के पत्रकार डॉ. कृष्ण कुमार मौजूद थे।