हरियाणा में इनामी तहसीलदार सस्पेंड, नायब सरकार ने 24 घंटे में सुधारी गलती; 4 महीने से फरार, ACB ने रखा है इनाम
हरियाणा में भ्रष्टाचार के आरोपी तहसीलदार मंजीत मलिक को सरकार ने पहले स्थानांतरित किया और बाद में निलंबित कर दिया। कैथल के एक निवासी की शिकायत पर एसीबी ने कार्रवाई करते हुए एक क्लर्क को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था जिसमें मलिक की भी संलिप्तता पाई गई थी। विपक्ष ने इस मुद्दे को उठाया जिसके बाद सरकार ने निलंबन का आदेश जारी किया।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में चार महीने से फरार चल रहे भ्रष्टाचार के आरोपित तहसीलदार का पहले तो स्थानांतरण कर दिया गया और फिर विवाद बढ़ा तो सरकार ने निलंबित करने में देर नहीं लगाई। राजस्व विभाग में आए दिन भ्रष्टाचार के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं।
प्रदेश सरकार की तरफ से बुधवार को 36 तहसीलदारों के स्थानांतरण किए गए थे। इन तबादलों के दौरान कई विवादित तहसीलदारों को भी तैनाती दी गई है। इस सूची में अन्यों के अलावा कैथल जिले में तैनात तहसीलदार मंजीत मलिक का नाम भी था। मंजीत मलिक को तोशाम में नई तैनाती दी गई। यह मुद्दा इंटरनेट मीडिया पर पूरी तरह से गरमा गया।
कैथल के चीका निवासी विजय कुमार ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को शिकायत दी थी कि उसने चीका की अमर सिटी कालोनी में 151 गज का एक प्लाट खरीदा था। वह अपनी भाभी के नाम पर इस प्लाट की रजिस्ट्री करवाना चाहता था। इसके लिए सारे कागजात तैयार कर उसने 23 जनवरी 2025 का टाइम ले लिया। तहसीलदार और रजिस्ट्री क्लर्क ने मिलकर उसे परेशान किया।
18 फरवरी को गुहला तहसीलदार के दफ्तर में ट्रैप लगाया गया। इस दौरान रजिस्ट्री क्लर्क को शिकायत करने वाले से 10 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया। क्लर्क ने रजिस्ट्री के बदले रिश्वत मांगी थी। पूछताछ में पता चला कि इसमें तहसीलदार मंजीत मलिक भी शामिल है। तब से लेकर अभी तक तहसीलदार अंडर ग्राउंड है।
उसे पकडऩे के लिए एसीबी की तरफ से तहसीलदार का पता बताने वाले को 20 हजार रुपए देने तक का एलान किया गया है। इनामी आरोपित अधिकारी का तबादला किए जाने को विपक्ष ने भी मुद्दा बना लिया। इस गलती को सुधारते हुए सरकार ने बृहस्पतिवार को आदेश जारी करके तहसीलदार मंजीत मलिक को निलंबित कर दिया। मंजीत को अंबाला जिला उपायुक्त कार्यालय में अटैच किया गया है।
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