रणदीप सुरजेवाला को जान का खतरा, ग्रेनेड लॉन्चर से उड़ाने की धमकी; हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को जारी किया नोटिस
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया है कि उन्हें मोबाइल सुरक्षा से वंचित रखना भेदभावपूर्ण है, क्योंकि अन्य पूर्व सांसदों और विधायकों को यह सुविधा दी गई है। उच्च न्यायालय ने इस मामले में केंद्र और हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अदालत ने 10 नवंबर तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
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रणदीप सुरजेवाला को जान का खतरा, हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। कांग्रेस महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अपनी और परिवार की जान को खतरा बताते हुए हाईकोर्ट में एक अर्जी दायर की है। इसके तहत सुरजेवाला ने स्वयं और परिवार को ग्रेनेड लांचर से उड़ाने की धमकी मिलने की जानकारी हाईकोर्ट में दी है।
हाईकोर्ट ने अर्जी पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से इस मामले में रिपोर्ट दायर करने का आदेश दिया है। बहस के दौरान कोर्ट को बताया गया कि कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुरक्षा एजेंसियों द्वारा किए गए ताजा आकलन के आधार पर सुरजेवाला की वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा वापस लेने का प्रस्ताव दिया है। सुरजेवाला को पहले वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी। लेकिन हालिया रिपोर्ट में गृह मंत्रालय ने कहा कि उन्हें अब किसी विशेष खतरे की आशंका नहीं है, इसलिए सुरक्षा हटाई जा सकती है।
इस पर अदालत ने 11 जुलाई को आदेश जारी कर सुरजेवाला को यह अनुमति दी थी कि वे संबंधित अधिकारियों के समक्ष पेश होकर अपने खतरे के बारे में सभी साक्ष्य और सामग्री चार सप्ताह के भीतर प्रस्तुत कर सकते हैं। सुरजेवाला के वकील आर कार्तिकेय ने कोर्ट को बताया कि 11 और 13 सितंबर को सुरजेवाला को एक पाकिस्तानी मोबाइल नंबर से धमकी भरे आडियो नोट्स और काल प्राप्त हुए।
कॉल करने वाले व्यक्ति ने सुरजेवाला और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी दी तथा यहां तक कहा कि वह ग्रेनेड लांचर से उनकी कार पर हमला करेगा। धमकियों के बाद सुरजेवाला के वकील ने 13 सितंबर को हरियाणा के डीजीपी और दिल्ली पुलिस के आयुक्त के पास शिकायत दर्ज कराई। इसके अलावा 15 सितंबर को दिल्ली पुलिस के अधिकारियों से मिलकर सुरजेवाला ने धमकी और सुरक्षा से जुड़ा विस्तृत दस्तावेजी सारांश सौंपा।
20 सितंबर को भी एक और संक्षिप्त रिपोर्ट अधिकारियों के साथ साझा की गई। सुरजेवाला ने हाई कोर्ट से अनुरोध किया कि वह सरकार को आदेश दें कि उन्हें वर्तमान सुरक्षा के साथ मोबाइल सुरक्षा कवर भी उपलब्ध कराया जाए। उनके और उनके परिवार के जीवन एवं स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाएं।
रणदीप सुरजेवाला का कहना है कि अन्य पूर्व सांसदों और विधायकों को मोबाइल सुरक्षा दी गई है, जबकि उन्हें इससे वंचित रखा गया है, जो स्पष्ट रूप से भेदभावपूर्ण है। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट के जस्टिस सुवीर सहगल ने केंद्र सरकार व हरियाणा सरकार को 10 नवंबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब दायर करने का आदेश दिया है।
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