मुफलिसी के मुंह पर पूनम ने जड़ा गोल्डन पंच
राष्ट्रीय स्तर पर खेलो इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी बाक्सिग में गोल्ड मेडल जीतने पर गांव हरसौला में पूनम ढुल को पूर्व विद्यार्थी परिषद की ओर से सम्मानित किया गया। पूनम ढुल बहुत ही साधारण परिवार से है।

संवाद सहयोगी, पाई: राष्ट्रीय स्तर पर खेलो इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी बाक्सिग में गोल्ड मेडल जीतने पर गांव हरसौला में पूनम ढुल को पूर्व विद्यार्थी परिषद की ओर से सम्मानित किया गया। पूनम ढुल बहुत ही साधारण परिवार से है। इनके पिता एक एकड़ के किसान हैं। इनके बड़े भाई सोनू भी पहले बाक्सिग खेलते थे, जिनसे प्रेरित होकर पूनम ने खेलना शुरू किया। शुरू में पूनम के पिता ने खेलने से मना कर दिया था, क्योंकि घर की आर्थिक स्थिति भी इतनी मजबूत नहीं थी कि दोनों बच्चों को खेलों की सुविधा मिल सके। पूनम ढुल के खेल को देखते हुए इनके भाई सोनू ने खेलना छोड़ दिया और पिता के साथ घर की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए ड्राइवर बन गए। सोनू ने अपनी बहन के लिए ना केवल स्वयं खेलना छोड़ दिया, बल्कि माता-पिता को भी इसके लिए सहमत किया और अपनी बहन के भविष्य को लेकर सभी जरूरतें पूरी कर रहे हैं। अब पूनम ने अपने भाई सोनू के विश्वास को कायम रखते हुए राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीतने का सपना पूरा किया।
यूं तो पूनम ढुल का भी सपना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने और देश के लिए मेडल जीतने का है, लेकिन अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए पूनम चाहती है कि अगर उन्हें रोजगार मिल सके तो वह अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा कर पाएगी। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं है कि वह आगे ज्यादा खेल पाएगी। पूनम ने बताया कि उन्हें इस स्तर पर लाने के लिए भी सतीश, जो कि रेलवे में कार्यरत हैं, बहुत सहयोग करते हैं। इस टूर्नामेंट से पहले उन्होंने ही हिसार एकेडमी में कठोर अभ्यास के लिए भेजा था। इस अवसर पर कोच संदीप ढुल, विरेंद्र ढुल, विक्रम ढुल, सुरेश हरसोला उपस्थित थे।
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