घर पर ही पैरा ओलंपिक में गोल्ड लाने की तैयारी कर रहे हरविद्र सिंह
पैरा आर्चरी के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हरविद्र सिंह घर पर ही पैरा ओलंपिक में गोल्ड लाने के लिए तैयारी कर रहे हैं। उनका चयन रिकर्व इवेंट में हुआ है और पूरे भारत से दो खिलाड़ियों का ही चयन हुआ है।
सुनील जांगड़ा, कैथल : पैरा आर्चरी के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हरविद्र सिंह घर पर ही पैरा ओलंपिक में गोल्ड लाने के लिए तैयारी कर रहे हैं। उनका चयन रिकर्व इवेंट में हुआ है और पूरे भारत से दो खिलाड़ियों का ही चयन हुआ है।
गांव अजीतनगर गुहला चीका से हरविद्र सिंह और यूपी से विवेक चिकारा 2021 में होने वाले पैरा ओलंपिक में भाग लेंगे। लॉकडाउन होने के कारण खिलाड़ी घर पर ही तीन से चार घंटे पैरा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए अभ्यास कर रहे हैं।
सोशल मीडिया के माध्यम से अपने कोच गौरव शर्मा और जीवनजोत सिंह से ट्रेनिग ले रहे हैं। दिन में दो से ढाई घंटे तीरंदाजी का अभ्यास करते हैं। मुंबई से जुड़े एक जिम ट्रेनर की सहायता से करीब एक घंटा शारीरिक अभ्यास कर रहे हैं। इसके अलावा कुछ समय पहले भारतीय तीरंदाजी संघ की ओर से एक ऑनलाइन प्रोग्राम शुरू किया गया था। इसमें तीरंदाजी के अलग-अलग विषयों के बारे में क्लास लगती है। इस क्लास से अपने खेल और क्षमता को ओर ज्यादा सुधारने में बहुत मदद मिल रही है। भारतीय खेल प्राधिकरण की ओर से खिलाड़ियों को सोशल मीडिया पर ऑनलाइन ट्रेनिग दी जाती है, जिसमें हर रोज हर विषय के विशेषज्ञ खिलाड़ियों को लगभग एक घंटा उस विषय की बारीकियों के बारे में समझते हैं।
ये हैं खिलाड़ी की उपलब्धियां
हरविद्र सिंह देश के पहले तीरंदाज हैं, जिन्होंने एशियन पैरा गेम्स 2018 में भारत के लिए रिकर्व इवेंट में गोल्ड मेडल हासिल किया था। वे छह बार देश का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। एशियन पैरा चैंपियनशिप 2019 में कांस्य पदक हासिल किया था। जून 2019 में नीदरलैंड में आयोजित विश्व पैरा आर्चरी चैंपियनशिप में पैरालंपिक 2020 के लिए कोटा हासिल किया था।
घर के कार्यों में बंटा रहे हाथ
हरविद्र सिंह ने बताया कि लॉकडाउन के कारण वे घर ही रह रहे हैं। अभ्यास के साथ-साथ वे घर के छोटे-मोटे कार्यों में हाथ बंटा रहे हैं। कुछ दिनों से गेहूं की फसल काटी जा रही है। उन्हें खेत में दो समय चाय और रोटी देकर आने का काम मिला है। इसके अलावा घर पर भतीजे अभिजोत और भतीजी अनुरीत कौर को पढ़ाई करवा रहे हैं। वे इस समय पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला में अर्थशास्त्र से पीएचडी कर रहे हैं। दिन में कुछ समय किताबें पढ़ते हैं और पीएचडी के शोध का कार्य करते हैं।