हरियाणा में आयुष्मान आरोग्य मंदिर में लगे 94 स्वास्थ्य अधिकारियों में से 44 ने छोड़ी नौकरी, ये चार वजहें आईं सामने
कैथल जिले में 144 सब हेल्थ सेंटरों में से 100 को आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाया गया है। पिछले साल नियुक्त सीएचओ में से अब तक 44 नौकरी छोड़ चुके हैं जिससे स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। चिकित्सकों पर बढ़ता काम का बोझ और ग्रामीण अस्पतालों में सुविधाओं की कमी नौकरी छोड़ने का मुख्य कारण है। रिक्त पदों पर नियुक्ति की मांग की गई है।

जागरण संवाददाता, कैथल। जिले में स्वास्थ्य विभाग ग्रामीण क्षेत्र में लोगों के बेहतर सुविधाएं देने के लिए 144 सब हेल्थ केंद्र चलाए रहा हैं। इनमें से 100 को आयुष्मान आरोग्य मंदिर मनाया गया है।
इन केंद्रों में पिछले साल सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) लगाए गए थे। जिले को 100 सीएचओ मिले थे, लेकिन इनमें से 94 सीएचओ ने ही उस समय ज्वाइन किया था, लेकिन अब मात्र 50 सीएचओ ही कार्यरत हैं। अभी तक 44 सीएचओ नौकरी छोड़ चुके हैं।
करीब दो सालों में इतनी बड़ी संख्या में सीएचओ के नौकरी छोड़ने के कारण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। सरकारी अस्पतालों में बीमारियों के विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी पहले ही खल रही है, अब सीएचओ के नौकरी छोड़ने के कारण भी विभागीय अधिकारियों की चिंता बढ़ रही है।
ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में सुविधाओं का अभाव
विभाग की तरफ से ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में उपमंडल अस्पताल, पीएचसी व सब हेल्थ केंद्र चलाए जा रहैं, लेकिन यहां चिकित्सकों की कमी व संसाधनों का अभाव होने के कारण लोगों को दिक्कत आ रही है।
पूरे जिले में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में जिला नागरिक अस्पताल में ही अल्ट्रासाउंड की सुविधा है, इस कारण लोगों को दूर-दराज से 28 से 30 किलोमीटर दूर तक से अल्ट्रासाउंड के लिए अस्पताल में आना पड़ता है।
ग्रामीण क्षेत्रों के उपमंडल स्तर के अस्पतालों में यह सुविधा मिल जाए तो लोगों को काफी फायदा होगा। खासकर गर्भवती महिलाओं को परेशानी नहीं आएगी।
ये है नौकरी छोड़ने का कारण
- चिकित्सकों पर बढ़ता काम का बोझ
- चिकित्सा कार्य के साथ-साथ दूसरे कार्यों में ड्यूटी लगाना
- ओपीडी में चिकित्सकों से मारपीट के मामले बढ़ना।
- स्थाई नौकरी दूसरे विभागों में मिलना।
जिले में विभाग की तरफ से 100 आयुष्मान आरोग्य मंदिर चला जा रहे हैं। इनमें से 94 ने ज्वाइन किया था। अब 50 सीएचओ कार्यरत हैं। 44 सीएचओ अब तक नौकरी छोड़ चुके हैं। इनमें बिना सूचना दिए नौकरी छोड़ने वाले सीएचओ को नोटिस दिया गया है। रिक्त पदों पर नियुक्ति को लेकर डिमांड भेजी गई है।
-बलविंद्र गर्ग, डिप्टी सिविल सर्जन, कैथल।
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