Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    किमी. स्कीम के तहत लगे चालकों का रोडवेज विभाग कराएगा टेस्ट

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 21 Mar 2020 09:37 AM (IST)

    रोडवेज की किलोमीटर स्कीम के तहत बसों पर लगे चालकों का अब रोडवेज विभाग टेस्ट लेगा। इस टेस्ट को पास करने के बाद ही चालक बस को चला पाएगा। विभाग ने इसके ल ...और पढ़ें

    Hero Image
    किमी. स्कीम के तहत लगे चालकों का रोडवेज विभाग कराएगा टेस्ट

    जागरण संवाददाता, कैथल: रोडवेज की किलोमीटर स्कीम के तहत बसों पर लगे चालकों का अब रोडवेज विभाग टेस्ट लेगा। इस टेस्ट को पास करने के बाद ही चालक बस को चला पाएगा। विभाग ने इसके लिए सभी डिपो जीएम को लेटर जारी कर दिया है। इन बसों पर ड्राइवर बस ऑपरेटर का होता है, जबकि कंडक्टर हरियाणा रोडवेज का होता है। सरकार इन बसों को प्रति किलोमीटर 26 रुपये 95 पैसे देती है। किलोमीटर स्कीम के तहत चल रही बसों के दुर्घटनाओं से बचाव के लिए ही विभाग ने ऐसा निर्णय लिया है। यह टेस्ट रोडवेज डिपो के जीएम व संबंधित बस के मालिक के सामने ही होगी। कुछ दिनों से किलोमीटर की बसों की दुर्घटना के मामले सामने आ रहे थे इसको देखते हुए विभाग ने यह फैसला लिया है। लगभग 15 दिन पहले भी हिसार रोडवेज की किलोमीटर बस का कैथल में हादसा हो गया था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    डिपो में है किलोमीटर की 15 बसें

    किलोमीटर स्कीम के तहत कैथल को 15 बसें मिली हैं। सरकार के साथ हुए एग्रीमेंट के अनुसार सड़कों पर चलने वाली ये बसें रोजाना कम से कम 400 किलोमीटर या इससे ज्यादा का सफर तय करती है। ऐसे में शर्त को देखते हुए ये सभी बसें लंबे रूटों पर ही चलाई जा रही है, क्योंकि अगर इन बसों को छोटे रूटों पर चलाया तो किलोमीटर पूरे करने मुश्किल होंगे। बाद में सरकार ठेकेदार को हर महीने 26.92 रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब तय किए गए सफर का भुगतान करेगी। किलोमीटर स्कीम से सड़कों पर चलने वाली बसों का रंगरूप हरियाणा रोडवेज की बसों से मिलता जुलता है, लेकिन इन बसों को चलाने वाला ड्राइवर ठेकेदार का होता है और वेतन भी ठेकेदार ही देता है। डीजल और मरम्मत का सारा खर्च भी ठेकेदार ही उठाएगा। सभी बसों में कंडक्टर सरकारी होंगे। टिकट भी रोडवेज की दूसरी बसों की तरह ही दिए जाएंगे। यात्रियों से होने वाली आमदनी सरकार के खाते में जमा होगी।

    ये होंगे टेस्ट

    चार तरह के टेस्ट लिए जा रहे हैं। इनमें सबसे पहले क्रमानुसार डैग टेस्ट, 8-सेफ, जिग-जैग तथा रोड टेस्ट शामिल हैं। रोड टेस्ट सबसे बाद में खुली सड़क पर ड्राइविग बस द्वारा लिया जाएगा। सबसे कठिन 8-सेफ टेस्ट होता है। आठ टेस्ट भी बोला जाता है। इसमें चालक को पास होना जरूरी होता है।

    निजी बसों के चालकों

    का टेस्ट लिया जाए

    टीएम कमलजीत ने बताया कि विभाग की तरफ आदेश आया है कि सभी निजी बसों के चालकों का टेस्ट लिया जाए। इससे दुर्घटनाओं में कमी होगी।