कैथल बस अड्डे पर रैन बसेरा बंद, कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर यात्री
कैथल बस अड्डे पर रैन बसेरा बंद होने से यात्रियों को कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर होना पड़ रहा है। इससे यात्रियों को भारी परेशानी ...और पढ़ें

कैथल में ठंड से बचने के लिए बस अड्डे पर बना रैन बसेरा बंद है (फोटो: जगरण)
राजिंद्र तंवर, कैथल। पिछले कई दिनों से धुंध व भीषण ठंड के कारण ठिठुरन बढ़ रही है। खासकर देर रात यात्रा कर पहुंचने वाले यात्रियों व राहगीरों के लिए यह मौसम भारी परेशानी का कारण बन रहा है।
इन्हीं समस्याओं को देखते हुए प्रशासन द्वारा शहर के कुछ चयनित स्थानों पर रैन बसेरे की व्यवस्था की गई थी, ताकि जरूरतमंद लोगों को ठंड से राहत मिल सके।
हर वर्ष की तरह इस बार भी कैथल बस अड्डे पर रैन बसेरे के रूप में एक बस को स्थापित किया गया था। यह बस देर रात पहुंचने वाले यात्रियों, राहगीरों और मजबूर लोगों के लिए राहत का साधन बनी थी।
प्रशासन द्वारा इस रैन बसेरा बस में ठहरने वालों के लिए लाइट, गद्दे और रजाइयों की भी व्यवस्था की गई थी, जिससे लोग कड़ाके की ठंड में सुरक्षित रूप से रात बिता सकें। हालांकि, यह सुविधा ज्यादा दिनों तक चालू नहीं रह सकी।
कुछ ही दिनों बाद प्रशासन ने रैन बसेरा बस को निर्धारित स्थान से हटाकर बस अड्डे के एक किनारे खड़ा कर दिया और उसके गेट पर ताला जड़ दिया। इसके बाद यह रैन बसेरा बस केवल एक शोपीस बनकर रह गई है। गेट पर ताला लगे होने के कारण जरूरतमंद यात्री और राहगीर इसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।
यात्रियों व राहगीरों की बढ़ती समस्याओं को देखते हुए दैनिक जागरण टीम ने देर रात और अलसुबह शहर के विभिन्न रैन बसेरों में व्यवस्थाओं की पड़ताल की। इस दौरान रैन बसेरों की स्थिति और उनकी उपयोगिता को परखा गया।
शहर के सिरटा रोड स्थित वार्ड नंबर 31 में नगर परिषद द्वारा राहगीरों के ठहरने के लिए निशुल्क रैन बसेरा पिछले कई दिनों से स्थापित किया गया है। हालांकि यह रैन बसेरा बस अड्डे और रेलवे स्टेशन से कई किलोमीटर दूर स्थित है।
घने कोहरे और कड़ाके की ठंड के बीच देर रात यात्रियों और राहगीरों के लिए यहां तक पहुंचना बेहद कठिन साबित हो रहा है। इसी कारण इस रैन बसेरे में यात्रियों की संख्या अपेक्षाकृत काफी कम देखी गई।
नगर परिषद द्वारा की गई व्यवस्थाएं यहां संतोषजनक पाई गईं। रैन बसेरे में चार बड़े कमरे बने हुए हैं, जो साफ-सुथरे मिले। प्रत्येक कमरे में दो-दो तख्तों पर साफ बिस्तर, रजाइयां और तकिए लगाए गए थे।
इसके साथ ही रैन बसेरे में बने चारों शौचालय भी साफ-सुथरे पाए गए। इसके बावजूद शहर से दूरी अधिक होने के कारण यहां गिनती के ही यात्री और राहगीर पहुंच पा रहे हैं।
बस अड्डे स्थित रैन बसेरे की भी दो बार पड़ताल की। पहली बार 17 दिसंबर की रात और दूसरी बार रविवार अलसुबह निरीक्षण किया गया।
दोनों ही बार यह रैन बसेरा अपने निर्धारित चयनित स्थान से हटकर कार्यशाला गेट के पास शोपीस की तरह खड़ा मिला। हैरानी की बात यह रही कि दोनों ही अवसरों पर बस के गेट पर ताला जड़ा हुआ पाया गया।
इस स्थिति के चलते देर रात या तड़के बस अड्डे पर पहुंचने वाले यात्रियों और राहगीरों को रैन बसेरे की सुविधा नहीं मिल पा रही है, जिससे उन्हें कड़ाके की ठंड में खुले में रात गुजारने को मजबूर होना पड़ रहा है।
देर रात बस अड्डे पर पहुंचने वाले यात्रियों और राहगीरों श्याम, परवीन, बलबीर, दीनू का कहना है कि रैन बसेरे की सुविधा बंद होने के कारण उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
पहले रैन बसेरे बस को अड्डा पर आटो स्टैंड के निकट खड़ा किया जाता था पर अब इस बस को यहां से हटाकर कार्यशाला के गेट पर निकट खडी कर दी है ओर इसके गेट पर ताला जड़ दिया गया हैं।
जिसमें एसे में ठंड और कोहरे के बीच उन्हें कोई सुरक्षित आश्रय नहीं मिल पा रहा, जिसके चलते वे खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर हैं। खासकर बुजुर्गों, महिलाओं और दूर-दराज से आने वाले यात्रियों के लिए यह स्थिति बेहद चिंताजनक है।
राहगिरों का आरोप है कि प्रशासन यात्रियों और राहगीरों को ठंड से राहत देने के बजाय असुविधाएं प्रदान कर रहा है। जब ठंड दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, ऐसे समय में रैन बसेरे जैसी बुनियादी सुविधा को बंद करना प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।
रोडवेज टीएम विपुल नांदल ने बताया कि रैन बसेरा बस केवल रात के लिए है ओर इसका का प्रयोग यात्री व राहगीर रात में ठहरने के लिए कर सकते हैं। दिन के समय इसके गेट पर ताला लगा दिया जाता है, ताकि कोई शरारती तत्व इसमें चोरी व अन्य कोई नुकसान न कर सके।
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी संदीप सोलंकी ने बताया कि शहर के सिरटा रोड स्थित वार्ड नंबर 31 में नगर परिषद द्वारा राहगीरों के ठहरने के लिए निशुल्क रैन बसेरा पिछले कई दिनों से स्थापित किया गया है।
ओर इसमें यात्रियों व राहगीरों के ठहरने के लिए सभी सुविधाएं हुई हैं ओर अन्य स्थान पर रैन बसेरे बनाए हुए हैं। इसके अलावा बस अड्डे पर भी रैन बसेरा बस में शुरू करवा दिया था। देखरेख का कार्य रोडवेज विभाग का है।

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