Kaithal News: मोबाइल बढ़ा रहा रिश्तों में दूरियां, घरेलू कलह के हर महीने पहुंच रहे 200 मामले
मोबाइल ने जहां रिश्तों में बातचीत का संचार करके दूरियां कम की हैं तो वहीं मोबाइल लोगों के बीच निजी दूरियां भी बढ़ा रहा है। लोग मोबाइल में ज्यादा समय देने के कारण अपने रिश्तों को खराब कर रहे हैं। इस कारण हर महीने 200 मामलों में शिकायत पहुंच रही है। हालांकि पारिवारिक कलह की कुछ अलग वजह भी सामने आती हैं।

जागरण संवाददाता, कैथल। मोबाइल फोन जहां एक सुविधा है, वहीं इसकी वजह से घरों में कलह के केस भी सामने आ रहे हैं। कहीं सास की शिकायत है कि बहू फोन पर ज्यादा बात करती है और घर के काम में ध्यान नहीं देती। इसी तरह एक मामले में महिला ने अपने फोन पर लॉक लगा दिया और पूछने पर पति को पासवर्ड नहीं बताया तो मामला थाने तक पहुंच गया। एक अन्य मामले में महिला अपने मायके वालों से फोन पर ज्यादा बात करती है, जो पति को पसंद नहीं आया।
मोबाइल फोन बन रहा कलह की वजह
जिले में घरेलू हिंसा को लेकर साल भर में करीब 250 से 300 मामले सामने आते हैं। इनमें करीब 200 में कहीं न कहीं फोन बड़ी वजह बन रहा है। इस तरह के मामलों का निपटान करने को लेकर घरेलू हिंसा संरक्षण अधिकारी सुनीता शर्मा को नियुक्त किया हुआ है। हालांकि, पारिवारिक कलह की कुछ अलग वजह भी सामने आती हैं।
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शौचालय तोड़ने पर लेना पड़ा अदालत का सहारा
इसी तरह एक अलग मामला भी सामने आया है। कैथल के एक गांव निवासी महिला ने दिसंबर में अदालत में एक याचिका दायर की थी। उसमें बताया गया कि करीब छह महीने पहले उसने एक बेटे को जन्म दिया था। उसके बाद सास से कहासुनी हो गई और सास ने उसका शौचालय तुड़वा दिया था। इस मामले को लेकर पंचायत भी हुई, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। उसे मजबूरी में अदालत का सहारा लेना पड़ा।
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इस मामले की रिपोर्ट अदालत ने घरेलू हिंसा संरक्षण अधिकारी से मांगी थी। अधिकारी ने विवाहिता से बातचीत करके अपनी रिपोर्ट तैयार करके अदालत के पास भेज दी है। रिपोर्ट में लिखा है कि अगर ससुराल पक्ष के लोग शौचालय बना देंगे तो वह वापस जाने के लिए तैयार है। अब इस मामले में आगामी फैसला अदालत को ही करना है।
साल भर में 250 से 300 घरेलू हिंसा के मामले
घरेलू हिंसा संरक्षण अधिकारी सुनीता शर्मा ने बताया कि अदालत की तरफ से उनसे एक रिपोर्ट मांगी गई थी। विवाहिता ने शौचालय निर्माण की मांग को लेकर अदालत में याचिका डाली थी। उन्होंने विवाहिता से बात करके रिपोर्ट अदालत के पास भेज दी है। उनके पास साल भर में करीब 250 से 300 घरेलू हिंसा के मामले आते हैं। ज्यादातर मामलों में झगड़े का कारण फोन होता है।

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