आयरन मैन का खिताब जीतने वाले देश के पहले सैनिक बने राहुल टुरण
आयरन मैन का खिताब पाने वाले हरियाणा के कैथल के एक छोटे से गांव के राहुल टुरण देश के ऐसे पहले सैनिक बन गए हैं जिन्होंने विश्व चैंपियनशिप का यह खिताब जीता है। आइए जानते हैं कौन है यह सैन्य अधिकारी?

सुनील जांगड़ा, कैथल। हरियाणा के कैथल जिले के गांव सिरसल के राहुल टुरण ने ऐसा काम करके दिया है, जिसे आज तक देश का कोई भी खिलाड़ी नहीं कर पाया है। अमेरिका में छह अक्टूबर को हुई आयरनमैन विश्व चैंपियनशिप में विजेता रहने वाले भारत के पहले सैनिक बन गए हैं। यह विश्व की सबसे मुश्किल स्पर्धा होती है। विश्वभर से करीब 5600 प्रतिभागियों ने इसमें भाग लिया था। इस स्पर्धा के लिए महज एक साल ही अभ्यास किया था। ड्यूटी भी करते थे और रात के समय तीन से चार घंटे समय निकाल कर अभ्यास करते थे। वहीं खिलाड़ी इसमें जीतने के लिए कई-कई सालों से अभ्यास कर रहे हैं, लेकिन सफल नहीं हो पा रहे हैं। राहुल इस समय नौसेना में लेफ्टिनेंट हैं और मुंबई नेवी सेंटर में कार्यरत हैं। राहुल ने कमांडो की ट्रेनिंग भी की हुई है और बेस्ट कमांडो भी चुने गए थे। गोवा में नौ महीने कमांडो की मुश्किल ट्रेनिंग हुई थी।
कई असफलताएं मिलीं लेकिन अवसर तलाशते गए
राहुल टुरण ने बताया कि उनके पिता करण सिंह वायुसेना में कार्यरत थे, जो पिछले साल सेवानिवृत्त हुए हैं। माता सुषमा गृिहणी हैं। भाई रोहित टुरण गुरुग्राम में गूगल में पदस्थ हैं। राहुल का जन्म 1995 में तेजपुर असम में हुआ था। उस समय उनके पिता की ड्यूटी असम में ही थी। केंद्रीय विद्यालय दिल्ली से शुरुआती शिक्षा ली थी। उसके बाद गुजरात के नलिया से दसवीं, फिटजी हैदराबाद से 12वीं पास की। उसके बाद आइआइटी के लिए प्रयास किया, लेकिन पहली बार में चार नंबर से रह गया। एनआइटी में मौका मिला, लेकिन ब्रांच ठीक नहीं मिली तो वाईएमसीए फरीदाबाद से मैकेनिकल की पढ़ाई की। एनडीए के लिए साक्षात्कार हुआ था, लेकिन सफल नहीं हुआ। दूसरी बार में 2014 में नेवी में सब लेफ्टिनेंट भर्ती हो गया था। साल 2020 में लेफ्टिनेंट बन गए थे।
राहुल ने बताया कि उन्हें सोशल मीडिया से 'आयरनमैन' स्पर्धा के बारे में जानकारी मिली थी। उसके बाद उसने लक्ष्य बना लिया था कि इसके लिए प्रयास करेगा। अगस्त 2022 में पहले ही प्रयास में क्वालीफाई कर लिया। उसके बाद छह अक्टूबर 2022 को अमेरिका के हवाई में और यह स्पर्धा 1978 से चल रही है। यह स्पर्धा तीन साल के बाद करवाई गई थी। अब राहुल आयरनमैन विश्व चैंपियन बन गए हैं। भारत में युवा 20-20 साल से प्रयास कर रहे हैं, लेकिन यह खिताब जीत नहीं पाए हैं। राहुल ने यह कर दिखाया। इस स्पर्धा में विजेता को मेडल और सर्टिफिकेट मिलता है।
17 घंटे की स्पर्धा 15 घंटे 34 मिनट में पूरी की
आयरनमैन बनने के लिए तीन मुश्किल स्पर्धाएं होती हैं। ये सभी स्पर्धाएं एक ही दिन में पूरी करनी होती हैं। 24 घंटे में से 17 घंटे स्पर्धा के लिए होते हैं। राहुल ने तीनों इवेंट 15 घंटे और 34 मिनट में ही पूरे कर दिए थे। इसी समय में ही खाना-पीना और सभी जरूरी काम करने होते हैं। एक भी स्पर्धा में फेल हो गए तो स्पर्धा से बाहर हो जाते हैं। इसमें पहली 3.8 किलोमीटर की तैराकी है। इसके लिए दो घंटे का समय होता है। राहुल ने बताया कि वह स्कूल समय से ही तैराकी का अभ्यास करता था। दूसरा साइकिलिंग होता है। इसमें 180 किलोमीटर साइकिल चलानी होती है और इसके लिए साढ़े आठ घंटे का समय होता है। एक साल पहले ही साइकिल चलाने का अभ्यास शुरू किया था। तीसरा दौड़ होती है, जिसमें 42 किलोमीटर की दौड़ होती है। इसके लिए साढ़े छह घंटे का समय दिया जाता है। राहुल ने समय से तीनों स्पर्धाओं को पार कर लिया था।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।