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    Haryana News: बेलारूस में डंकी रूट पर हुई थी कैथल के युवक की मौत, दो साल बाद स्वदेश लाया गया शव

    Updated: Sun, 25 May 2025 01:04 PM (IST)

    कैथल के नवीन की बेलारूस में डंकी रूट से अमेरिका जाते समय मौत हो गई थी। दो साल बाद उसका शव गांव साकरा पहुंचा। परिवार ने 2023 में उसे अमेरिका भेजने का फ ...और पढ़ें

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    डंकी रूट पर हुई थी युवक की मौत, 2 साल बाद मिला शव

    जागरण संवाददाता कैथल। पूंडरी कस्बे के साकरा गांव से डंकी रूट से अमेरिका जाने वाले नवीन का शव दो साल बाद गांव पहुंचा। नवीन की मौत बेलारूस में हुई थी। शव के पहुंचने के बाद स्वजन ने अंतिम संस्कार किया। नवीन अपने परिवार में तीन भाई-बहनों में सबसे छोटा था। वह एक छोटे किसान परिवार से था।

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    साल 2023 में उसके पिता सुभाष चंद ने उसे डंकी रूट से अमेरिका भेजने का फैसला किया। नवीन ने आखिरी बार 22 अक्टूबर 2023 को परिवार से बात की थी। इसके बाद वह लापता हो गया। परिवार लगातार एजेंट के संपर्क में था। एजेंट हर बार यही कहता रहा कि नवीन रास्ते में है।

    दोस्तों ने बेलारूस से भेजा वीडियो तब मौत की हुई थी पुष्टि

    वर्ष 2024 तक परिवार को नवीन का कोई पता नहीं चल सका। एक दिन नवीन के फोन से उसके एक दोस्त को फोन आया। कॉल करने वाले ने बताया कि बेलारूस में एक युवक का शव मिला है। गांव के वीरेंद्र और राहुल ने बताया कि बेलारूस से भेजा गए वीडियो से नवीन की पहचान हुई।

    इसके बाद परिवार ने शव को गांव लाने की प्रक्रिया शुरू की। करीब दो साल तक परिवार के लोग नवीन के शव को भारत लाने की कोशिश करते रहे। शनिवार देर शाम नवीन का शव साकरा गांव पहुंचा।

    अमेरिका में हुई मौत, 32 दिनों के बाद मिला शव

    एक दूसरे मामले में पैसा कमाने के लिए विदेश में गए पबनावा निवासी रामदयाल की वहां पर हार्ट अटैक से हुई मौत के बाद से घर में मातम छाया है। 32 दिनों बाद शव को उसके पैतृक गांव लाया गया। मृतक रामदयाल के

    पड़ोसी मुलतान ने बताया कि रामदयाल होटल मैनेजमेंट का डिप्लोमा करने के बाद कुछ दिनों तक कुरुक्षेत्र के होटलों में काम करता रहा। इसके बाद वह अमेरिका चला गया। 21 अप्रैल को दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई। परिवार गरीब था तो शव नहीं ला पा रहा था। अमेरिका में रह रहे भारतीय युवाओं ने खर्च उठा शव को स्वदेश भेजा।