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    Kaithal Weather: मौसम ने ली करवट, गेहूं का सीजन जोरों पर, किसानों की बढ़ी चिंता; दो दिन तक वर्षा की संभावना

    Kaithal Weather News कैथल में मौसम ने करवट बदलकर किसानों की चिंता बढ़ा दी है। भी गेहूं कटाई का कार्य जोरों पर है। खेत खलिहान में तो कुछ किसानों की मंडी में गेहूं पड़ी है। रविवार को अधिकतम तापमान 39 व न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

    By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Sun, 16 Apr 2023 04:39 PM (IST)
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    मौसम ने ली करवट, गेहूं का सीजन जोरों पर

    जागरण संवाददाता, कैथल: रविवार को एक बार फिर मौसम ने करवट बदलकर किसानों की चिंता को बढ़ाया है। सुबह आसमान में बादल छा गए। जो दिनभर जारी रहे। अभी गेहूं कटाई का कार्य जोरों पर है। खेत खलिहान में तो कुछ किसानों की मंडी में गेहूं पड़ी है। रविवार को अधिकतम तापमान 39 व न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिनों तक वर्षा की संभावना है।

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    वर्षा होने से खराब हो सकती है गेहूं की फसल

    बता दें कि मौसम के बदले रुख से किसानों की चिंता बढ़ गई है। वो आशंका जता रहे हैं कि वर्षा होने से उनकी तैयार गेहूं की फसल खराब हो सकती है। इसके अलावा आम के पेड़ों के लिए हल्की बूंदाबांदी भी नुकसानदायक है। विशेषज्ञों के अनुसार वर्षा से इससे बौर तो गिरेंगे ही, रोग लगने की आशंका भी बढ़ जाएगी। आम के पेड़ों पर लगे बौर के लिए नुकसानदायक है वर्षा विशेषज्ञों के अनुसार इस समय वर्षा होने से आम के पेड़ों पर लगे बौर को नुकसान पहुंचाएगी।

    बौर गिरने और रोग लगने की आशंका बढ़ी

    इससे बौर गिरने और रोग लगने की आशंका बढ़ गई है। साथ ही जहां टिकोरे आ गए हैं, वो भी गिर सकते हैं। ऐसे में इन्हें बचाने के लिए किसान सात-सात दिन के अंतराल में कीटनाशक छिड़काव करते रहें। हालांकि बाजारों में पके हुए आम पहुंच चुके है। इसके अलावा सब्जियों, तरबूज व खरबूजा और खीरा की फसलों को भी वर्षा से नुकसान है।

    हल्की वर्षा नहीं पहुंचाएगी फसलों को नुकसान

    हल्की वर्षा गेहूं की तैयार फसलों को नुकसान नहीं पहुंचाएगी। थोड़ी नमी आने से कटाई में एक सप्ताह की देरी हो सकती है। तेज वर्षा के साथ हवा के चलने से खड़ी फसलों के गिरने और दानों के काला होने की आशंका बढ़ जाएगी। अभी तक के मौसम के अनुसार गेहूं की फसल अच्छी है और दाने भी ठीक प्रकार से विकसित हुए हैं। - डा. कर्मचंद, उप कृषि निदेशक कैथल।