Kaithal News: काला पीलिया के सैंपल किट का टोटा, एक सप्ताह में सिर्फ 30 मरीजों के हो रहे टेस्ट
कैथल में काला पीलिया के सैंपल किट का दिखाई दे रहा है। इस बीमारी की जांच को लेकर सैंपल अंंबाला व पंचकूला में भेजा जा रहा है लेकिन इसके लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। सैंपल किट की कमी के कारण लोगों को काफी परेशानी आ रही है।
जागरण संवाददाता, कैथल : जिला नागरिक अस्पताल में कई माह से हेपेटाइटिस-सी (काला पीलिया) के सैंपल की जांच बंद पड़ी है। इस बीमारी की जांच को लेकर सैंपल अंबाला व पंचकूला में भेजा जा रहा है, लेकिन इसके लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। सैंपल किट की कमी के चलते अब सप्ताह में मात्र 30 ही सैंपल लिए जा रहे हैं, इस कारण 250 से ज्यादा लोगों को अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है।
अस्पताल स्टाफ की तरफ से बीमारी की जांच को लेकर लोगों को फोन कर बुलाया जाता है, इसके बाद वे सैंपल देने के लिए आते हैं। बता दें कि जिला में हेपेटाइटिस-सी व बी के मरीजों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। कैथल में सी के दस हजार से भी ज्यादा मरीज हैं, वहीं बी के एक हजार से ज्यादा मरीजों की पहचान अब तक हो चुकी है। हालांकि अस्पताल में दवाइयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, लेकिन सैंपल किट की कमी के कारण लोगों को काफी परेशानी आ रही है।
राजौंद व गुहला क्षेत्र में इस बीमारी के ज्यादा मरीज
काला पीलिया की बीमारी से पीड़ित सतनारायण, सुनील कुमार ने बताया कि पहले अस्पताल में ही प्राइवेट लैब के साथ अनुबंध होने के कारण जांच में किसी भी तरह की पेरशानी नहीं थी, लेकिन अब कभी सैंपल किट की कमी तो कभी दवाइयों की कमी के चलते लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है।
इस समय हेपेटाइटिस-सी के 395 के करीब मरीज एक्टिव हैं। राजौंद व गुहला क्षेत्र में इस बीमारी के सबसे ज्यादा मरीज हैं। हालांकि विभाग की तरफ से काला पीलिया की बीमारी से बचाव को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर लगाकर लोगों को सावधानी, बचाव व लक्षण के बारे में बताया जा रहा है।
लोकल मार्केट से खरीद रहे रेबीज के इंजेक्शन
जिला नागरिक अस्पताल में एंटी रेबीज इंजेक्शन का भी टोटा बना हुआ है। जिले में कुत्ता, बिल्ली, बंदर, सुअर, खच्चर सहित अन्य जानवरों के काटने के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन विभाग की तरफ से इलाज को लेकर इंजेक्शन की कमी को दूर नहीं किया जा रहा है। कई माह से अस्पताल के वेयर हाउस में इंजेक्शन नहीं है। लोकल मार्केट से इंजेक्शन खरीदने पड़ रहे हैं।
मरीजों की समस्या जल्द होगी दूर: सीएमओ
जिला स्वास्थ्य विभाग के सिविल सर्जन डा. अशोक कुमार ने बताया कि जिले के मरीजों की हेपेटाइटिस-सी व बी की जांच अंबाला व पंचकूला में करवाई जा रही है। पिछले कुछ दिन पहले सैंपल किट की कमी चल रही है। यह उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाया गया है, उम्मीद है कि जल्द ही यह समस्या दूर हो जाएगी। इस बीमारी के इलाज को लेकर दवाई पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
हेपेटाइटिस-सी के लक्षण
गहरा पीला मूत्र, कमजोरी, जोड़ों का दर्द, बुखार, भूख में कमी, उल्टी लगना व पेट में दर्द होना। आंखों और त्वचा का पीला पड़ना है। हेपेटाइटिस सी वायरस (एचसीवी) के कारण होता है। लीवर में सूजन आ जाती है।
मरीज ये बरतें सावधानी
चिकित्सकों के अनुसार हेपेटाइटिस-सी होने पर मरीज को शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। धुएं से बचें, किसी संक्रमित व्यक्ति की टूथब्रश, रेजर आदि को साझा न करें। जंक फूड न खाएं।