बीजिंग पैरा तीरंदाजी एशियन स्पर्धा में कैथल के हरविंद्र ने रचा इतिहास, दो स्वर्ण समेत जीते तीन पदक
कैथल के हरविंद्र सिंह ने चीन के बीजिंग में हुई एशियाई पैरा तीरंदाजी स्पर्धा में तीन पदक जीते हैं जिसमें दो स्वर्ण और एक रजत शामिल हैं। उन्होंने व्यक्तिगत स्पर्धा में थाईलैंड के खिलाड़ी को हराया। मिक्स्ड टीम इवेंट में चीन को हराया। हरविंद्र पैरा तीरंदाजी में टोक्यो और पेरिस पैरालिंपिक में पदक जीतने वाले पहले खिलाड़ी हैं जिन्हें पद्मश्री अर्जुन अवार्ड और भीम अवार्ड भी मिल चुका है।
सुनील जांगड़ा, कैथल। चाइना के बीजिंग में हुई पैरा तीरंदाजी एशियन स्पर्धा में कैथल के गांव अजीतनगर निवासी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हरविंद्र सिंह ने अलग-अलग इवेंट में तीन पदक जीते हैं। स्पर्धा एक से छह जुलाई तक हुई थी। हरविंद्र ने दो स्वर्ण और एक रजत पदक अपने नाम किया है। भारतीय खिलाड़ियों का दल 29 जून को बीजिंग पहुंचा था।
हरविंद्र ने व्यक्तिगत स्पर्धा में थाईलैंड के खिलाड़ी नेटसिरी को 7-1 के अंतर से हराकर स्वर्ण पदक जीता है। मिक्स टीम इवेंट में हरविंद्र ने हरियाणा की खिलाड़ी भावना के साथ मिलकर चीन की टीम को 5-4 के अंतर से हराकर स्वर्ण पदक हासिल किया।
पुरुष टीम स्पर्धा में भारतीय टीम का फाइनल मैच चाइना के साथ हुआ, लेकिन इसमें भारतीय खिलाड़ियों को रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा। इस इवेंट में भी हरविंद्र ने भाग लिया था और रजत पदक अपने नाम किया।
बता दें कि हरविंद्र सिंह पैरा तीरंदाजी में देश के ऐसे पहले खिलाड़ी हैं जो टोक्यो और पेरिस पैरालिंपिक में दो पदक जीत चुके हैं। इसी वर्ष मई में उन्हें राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। खिलाड़ी ने साल 2012 में पैरा तीरंदाजी की शुरुआत की थी। वे अब तक करीब 13 बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
उनकी बड़ी उपलब्धि सितंबर 2021 में हुए टोक्यो पैरालिंपिक में कांस्य पदक और पेरिस पैरालिंपिक तीरंदाजी स्पर्धा में स्वर्ण जीतना है। हरविंद्र सिंह जिले के पहले ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्हें अर्जुन अवार्ड और भीम अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
उन्हें 23 जून 2021 को पंचकूला में भीम अवार्ड मिला था। 13 नवंबर 2021 को अर्जुन अवार्ड मिला था। हरविंद्र सिंह ने बताया कि खेलों के लिए पिता परमजीत सिंह, पत्नी मनप्रीत कौर, कोच गौरव शर्मा, कोच जीवनज्योत सिंह का पूरा सहयोग रहता है।
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