कैथल पुलिस की मदद से मलेशिया में मानव तस्कर गिरोह का पर्दाफाश, तीन पाकिस्तानी गिरफ्तार
कैथल पुलिस ने मलेशिया पुलिस के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है। वहां से कैथल के जाजनपुर गांव निवासी युवक को छुड़वाया गया है।
जेएनएन, कैथल। जिला पुलिस ने मलेशिया पुलिस के सहयोग से वहां चल रहे अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है। मलेशिया पुलिस ने तीन पाकिस्तानी युवकों को गिरफ्तार करते हुए बंधक बनाए गए कैथल के जाजनपुर निवासी युवक को भी छुड़वा लिया है। जांच में पता चला है कि उक्त पाकिस्तानी युवक कुछ भारतीयों के साथ मिलकर यह गिरोह चला रहे थे। यह जानकारी एसपी आस्था मोदी ने रविवार को पत्रकारवार्ता में दी।
उल्लेखनीय है कि जाजनपुर गांव के कृष्ण कुमार ने 27 जुलाई को एसपी आस्था मोदी को शिकायत देकर अपने बेटे संजीव कुमार को मलेशिया में बंधक बनाए जाने की बात कही थी। कृष्ण ने बताया कि उसने बेटे को आस्ट्रेलिया भेजने के लिए ट्रैवल एजेंट गुरप्रीत उर्फ गोपी निवासी गांव पद्दा (अमृतसर), अमृत निवासी गुरदास नगर (पटियाला), अमित व जगमोहन आनंद और अमित की मां निवासी आनंद नगर (पटियाला) को रकम दी थी।
आरोपितों ने संजीव को मलेशिया के रास्ते आस्ट्रेलिया भेजने की बात कही। मगर मलेशिया पहुंचते ही उसका अपहरण कर लिया गया। आरोपितों ने उसे छोडऩे के लिए 25 लाख रुपये की फिरौती मांगी। साथ ही पुलिस को बताने पर युवक की किडनी निकालने की धमकी भी दी गई।
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एसपी आस्था मोदी ने बताया कि शिकायत के बाद पुलिस ने मलेशिया में भारतीय दूतावास से संपर्क किया और वहां की पुलिस से संपर्क साधा। उधर, परिजन भी संजीव को बंधक बनाने वालों से संपर्क करते रहे। आरोपित परिजनों से वीडियो कॉल और वाट्सएप से ही बात कर रहे थे। रविवार को मलेशिया पुलिस ने राजधानी कुआलालंपुर से 150 किलोमीटर दूर एक घर में बंधक बनाए गए संजीव को सकुशल बरामद करते हुए तीन पाकिस्तानी युवकों को गिरफ्तार कर लिया।
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युवक ने दिया हुआ था कोड-वर्ड
एसपी ने बताया कि संजीव की समझदारी के कारण भी पुलिस को काफी सहायता मिली। उसने परिजनों को कहा था कि अगर मैं मुसीबत में हूं तो ये कोड-वर्ड इस्तेमाल में करूंगा और अगर ठीक रहा तो दूसरा कोड। विदेश जाने के एक-दो दिन बाद उसने अपने जीजा से बताचीत में मुसीबत वाले कोड-वर्ड का इस्तेमाल किया। इसके बाद परिजनों ने इस मामले की पुलिस को शिकायत दी। एक एफआइआर कैथल के सिविल लाइन थाने में और दूसरी एफआइआर मलेशिया में आरोपितों के खिलाफ दर्ज कराई गई।