Haryana News: कैथल में तेज बारिश से धान की फसल को हुआ नुकसान, आलूू का बुवाई भी प्रभावित
कैथल जिले में बारिश के कारण धान की फसल को नुकसान हुआ है। सीवन में तेज वर्षा से मंडियों में रखा धान भीग गया और खेतों में खड़ी फसल गिर गई। किसानों को भारी नुकसान हुआ है क्योंकि फसल की कटाई प्रभावित हो रही है और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। कृषि विशेषज्ञों ने गुणवत्ता में गिरावट की आशंका जताई है और आलू की बुवाई भी प्रभावित हुई है।

जागरण संवाददाता, कैथल। जिले में बुधवार को भी मौसम ने करवट ली। सीवन में तेज वर्षा होने से जहां मंडियों में खुले में रखा धान भीग गया, वहीं खेतों में खड़ी धान की फसल को नुकसान हुआ है। सब्जियों की फसल भी इस वर्षा से प्रभावित हुई है।
वर्षा व तेज हवा के कारण फसल जमीन पर गिर गई है। मंडियों में रखी धान भी भीग गई जिससे किसानों को नुकसान हुआ है। किसान धान को सुखाने में लगे हुए हैं। अधिकतम तापमान 28 डिग्री और न्यूनतम तापमान 18.0 डिग्री रहा। मानस गांव के किसान महेंद्र, कुलविंद्र और सीवन के राजेश ने बताया कि अगर मौसम ऐसा ही रहा तो धान की पैदावार प्रभावित होगी, खेतों में पीआर धान पककर तैयार है।
बासमती और 1121 की फसल पकने में फिलहाल 15 से 20 दिन लगेंगे। लगातार नमी और बीमारियों से धान इस बार बदरंग हो सकती है। अभी पिछले समय हल्दी रोग, झुलस रोग, तेला इत्यादि बीमारियों के कारण फसल के दाने काले हो गए हैं, अभी वर्षा के बाद बल्लियां धरती पर बिछ गई हैं, इस कारण पानी में खराब होने का डर बना हुआ है।
किसान नरेश कुमार, मनोज ने बताया कि खेतों में जमीन पर बिछी फसल कंबाइन से काटने में दिक्कत आई, हाथ से कटाई करवाने में समय ज्यादा लगेगा, खर्च भी बढ़ेगा। लगातार हो रही वर्षा से धान की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है, जहां पर ज्यादा वर्षा हुई थी, वहां पर दाना भी काला पड़ गया है। राइस मिलर्स का कहना है कि इस बार ज्यादा वर्षा के कारण पीआर धान के चावल की क्वालिटी पर डाउन आ रही है। कैथल कृषि विज्ञान केंद्र के विज्ञानी रमेश वर्मा ने बताया कि इस वर्षा से धन की फसल को नुकसान हुआ है।
ज्यादातर जगह कटाई का काम प्रभावित हुआ
किसान बलवंत सिंह ने कहा कि यदि लगातार बादल, वर्षा व नमी रही तो इससे अधिक समय लग सकता है। धान की कटाई तीन से चार दिन लेट हो गई। इससे आगे जाकर गेहूं की बुआई लेट होगी। सीवन क्षेत्र में किसानों ने सब्जी की बुवाई के लिए जमीन तैयार की हुई थी, एक सप्ताह लेट हो गई है। किसान महेंद्र ने बताया कि उसने आलू की बिजाई के लिए 20 एकड़ जमीन तैयार की थी, खेत में पानी ज्यादा हो गया है, एक सप्ताह बाद दोबारा जमीन तैयार करने पड़ेगी।
ऐसे हुई वर्षा
कैथल- 10 एमएम
गुहला- 5एमएम
कलायत- 4एमएम
पूंडरी- 9एमएम
ढांड-5एमएम
सीवन-10 एमएम
राजौंद-3 एमएम
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