हरियाणा SGPC के अध्यक्ष जगदीश सिंह झींडा की बढ़ी मुश्किलें, जांच समिति ने इस मामले में ठहराया दोषी
हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष जगदीश सिंह झींडा पर काला दिवस समारोह में गुरु की गोलक के दुरुपयोग का आरोप लगा है। जांच समिति ने उन्हें दोषी पाया है जिसके अनुसार उन्होंने सिख संगत को गुमराह किया। उन पर आरोप है कि उन्होंने समारोह के लिए देश-विदेश से चंदा इकट्ठा किया जिसका हिसाब नहीं दिया। अब इस मामले में संगत ही फैसला करेगी।

संवाद सहयोगी, कैथल। हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष जगदीश सिंह झींडा ने समिति के सदस्यों के विरोध के बावजूद 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा भारत में लगाए गए आपातकाल के विरोध में काला दिवस मनाया था।
साल 26 जून 2025 को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में स्वयं काला दिवस समारोह के बाद अध्यक्ष झींडा ने घोषणा की थी कि काला दिवस समारोह में गुरु की गोलक का एक भी रुपया खर्च नहीं किया गया और न ही हरियाणा समिति के कर्मचारियों के वाहनों या कारों का उपयोग किया।
अध्यक्ष झींडा ने मीडिया को बताया कि काला दिवस समारोह पर हुए खर्च को देश-विदेश की सिख संगतों से व्यक्तिगत रूप से एकत्रित किया गया था, जिसके बाद हरियाणा कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गुरमीत सिंह रामसर द्वारा हरियाणा कमेटी के कनिष्ठ उपाध्यक्ष गुरवीर सिंह तलाकौर के नेतृत्व में काला दिवस समारोह पर हुए खर्च की जांच के लिए पांच सदस्यीय उप-समिति का गठन किया गया था।
इसमें कमेटी के वरिष्ठ सदस्य जोगा सिंह यमुनानगर, स्वर्ण सिंह बुंगा टिब्बी, बलविंदर सिंह भिंडर संयुक्त सचिव, गुरतेज सिंह अंबाला बतौर सदस्य शामिल हुए।
उप-समिति के प्रधान गुरबीर सिंह तलाकौर कनिष्ठ उपाध्यक्ष ने की गई जांच की रिपोर्ट सबूतों सहित हरियाणा कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गुरमीत सिंह रामसर को सौंप दी।
मीडिया से जानकारी साझा करते हुए गुरमीत सिंह रामसर ने बताया कि उप-समिति द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में अध्यक्ष जगदीश सिंह झींडा को दोषी पाया गया है।
सब-कमेटी ने रिपोर्ट में पूरे सबूतों के साथ जानकारी दी है। प्रधान झींडा ने गुरु की गोलक, गाड़ियों और कर्मचारियों का दुरुपयोग किया और देश-विदेश में सिख संगतों से पैसा एकत्र किया।
रामसर ने कहा कि प्रधान झींडा ने खुद मीडिया में माना है कि काला दिवस पर हुआ खर्च 7,66,220 रुपये था बाकी इकट्ठा किए गए पैसों का कोई हिसाब नहीं है जो सीधे तौर पर प्रधान के पद के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार से जुड़ा है। रामसर ने कहा कि प्रधान जगदीश सिंह झींडा ने सरासर झूठ बोलकर सिख संगत को गुमराह किया है, अब संगत ही इस बारे में फैसला करेगी।
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