विधायकों को भाव नहीं दे रहे डीसी-एसपी, कांग्रेस MLA ने किया था SP को 20 बार फोन; नहीं दिया रिस्पांस
हरियाणा के पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी मुख्य सचिव तथा विधानसभा स्पीकर के आदेश के अनुपालन को लेकर गंभीर नहीं हैं। बार-बार के आदेश के बावजूद प्रशासनिक अ ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, जागरण, चंडीगढ़। हरियाणा के पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी मुख्य सचिव तथा विधानसभा स्पीकर के आदेश के अनुपालन को लेकर गंभीर नहीं हैं। बार-बार के आदेश के बावजूद प्रशासनिक अधिकारी विधायकों और सांसदों का फोन नहीं उठाते। ना ही उन्हें वापस कॉल की जाती है।
कांग्रेस विधायक देवेंद्र हंस एसपी की शिकायत की
कैथल जिले के गुहला चीका से कांग्रेस विधायक देवेंद्र हंस ने इस संबंध में विधानसभा स्पीकर से शिकायत की है। विधायक ने कैथल के पुलिस अधीक्षक राजेश कालिया की लिखित शिकायत करते हुए विधानसभा स्पीकर को बताया कि उन्होंने एसपी को 20 बार फोन किया, लेकिन एक बार भी उन्होंने फोन नहीं उठाया और ना ही वापस फोन किया।
एसपी इस मामले में बार-बार बयान बदल रहे हैं। पहले कह रहे थे कि वे क्राइम की मीटिंग में थे, जिस कारण फोन नहीं उठा सके। बाद में उन्होंने सफाई दी कि विधायक का नंबर सेव नहीं था और उन्होंने अपना स्पष्टीकरण विधानसभा की कमेटी को दे दिया है। एसपी के स्पष्टीकरण पर विधायक ने फिर पलटवार किया है।
स्पीकर तक पहुंची शिकायत
उन्होंने कहा है कि भले ही एसपी के पास उनका नंबर सेव नहीं था, यदि यह फोन किसी जरूरतमंद व्यक्ति का होता तो भी एसपी का दायित्व बनता है कि वे फोन उठाते। स्पीकर हरविन्द्र कल्याण विधानसभा की प्रोटोकॉल मानदंडों का उल्लंघन (वायलेशन आफ प्रोटोकाल नार्म्स) कमेटी के चेयरमैन हैं। उनके पास स्पीकर के साथ-साथ कमेटी के चेयरमैन के रूप में यह शिकायत पहुंची है।
पूर्व विधानसभा स्पीकर डॉ. ज्ञानचंद गुप्ता के कार्यकाल के दौरान भी करीब एक दर्जन विधायकों ने प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा उनके फोन नहीं उठाने की शिकायत की थी। तब ज्ञानचंद गुप्ता ने इन अधिकारियों को विधानसभा में बुलाकर जवाब तलब किया था। साथ ही सरकार की ओर से आदेश जारी किए गए थे कि सभी प्रशासनिक अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों के फोन उठाने अनिवार्य हैं। यदि कोई अधिकारी फोन नहीं उठा पाता तो उसे रिंग बैक करना होगा।
मुख्य सचिव ने दिए थे निर्देश
मुख्य सचिव की ओर से अधिकारियों को यह भी दिशा निर्देश जारी किए गए थे कि वे अपनी सीट से उठकर विधायकों और सांसदों की अगुवानी करेंगे और उन्हें अपने कार्यालय से बाहर तक छोड़ने आएंगे, लेकिन फिर से अधिकारियों ने इन दिशा निर्देशों की अवहेलना चालू कर दी है।
प्रोटोकॉल में विधायक का दर्जा मुख्य सचिव से बड़ा होता है, लेकिन अधिकतर जिलों में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी इस प्रोटोकाल का अनुपालन नहीं कर रहे हैं। विधानसभा स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने एसपी कैथल द्वारा विधायक के फोन की अनदेखी करने के मामले को गंभीरता से लिया है। विधानसभा की प्रोटोकाल कमेटी एसपी को तलब कर उनसे जवाब तलब करेगी।
साथ ही मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से बात करने के बाद स्पीकर सभी अधिकारियों के लिए विधायकों के मान सम्मान तथा उनके फोन को सुनने को लेकर दिशा निर्देश जारी कर सकते हैं। विधानसभा सचिवालय की ओर से कहा गया है कि अभी उन्हें एसपी का कोई लिखित जवाब नहीं मिला है।
उद्योग मंत्री राव नरबीर भी जता चुके नाराजगी
गुहला चीका के कांग्रेस विधायक देवेंद्र हंस ने स्पीकर को दी शिकायत में बताया कि उन्होंने दो व तीन जनवरी को कैथल के एसपी राजेश कालिया को 20 से अधिक बार फोन किया। एसपी ने ना तो फोन उठाया और ना ही उनकी ओर से बैक काल आई। विधायक को जनता की समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों को फोन करने पड़ते हैं। यदि अधिकारी विधायकों के फोन नहीं उठाएंगे तो यह गलत आचरण माना जाना चाहिए।
बता दें कि पिछले दिनों फरीदाबाद में हुई ग्रीवेंसिज कमेटी की बैठक में फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त शामिल नहीं हुए थे, जिस पर बैठक की अध्यक्षता कर रहे उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर ने कहा था कि क्या आयुक्त मंत्री से ऊपर हैं। उन्हें हर हाल में अगली बैठक में शामिल होना होगा।
जिस दिन गुहला विधायक देवेंद्र हंस ने फोन किए थे वे पंचकूला मीटिंग में गए हुए थे। उनके पास पंचकूला क्राइम ब्रांच का भी चार्ज है। फोन ना उठाने वाली कोई बात नहीं है। वे नियमित रूप से राजनीतिक और सामाजिक लोगों के फोन उठाते ही हैं। विधानसभा कमेटी की तरफ से इस बारे में जवाब मांगा गया है और जल्द ही जवाब दे दिया जाएगा।- राजेश कालिया, एसपी कैथल।

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