Haryana Weather: कैथल में धुंध और ठंडी हवाओं से बढ़ी ठिठुरन, कड़ाके की ठंड गेहूं की फसल को दे रही बूस्ट
कैथल में धुंध और ठंडी हवाओं के चलते ठिठुरन बढ़ गई है, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है। अधिकतम तापमान में तीन डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। इस ठंड का गे ...और पढ़ें

कैथल में धुंध और ठंडी हवाओं से ठिठुरन बढ़ गई है (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, कैथल। धुंध और ठंडी हवाओं के कारण मौसम में ठिठुरन बढ़ गई है। ठंड से बचने के लिए लोग चादर में लिपटे हुए नजर आ रहे हैं। सड़कों के किनारे लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं।
ठंड के मौसम में लोगों की दिनचर्या पूरी तरह से प्रभावित हो गई है। जिले में अधिकतम तापमान 14.5 व न्यूनतम तापमान 9.0 डिग्री दर्ज किया गया है, अधिकतम तापमान तीन डिग्री गिर गया।
मौसम का गेहूं की फसल को सबसे ज्यादा फायदा हो रहा है। पिछले कई दिनों से ठंड का प्रकोप जारी है। सुबह के समय ज्यादा धुंध होने के कारण वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
रविवार को सारा दिन बादल छाए रहे और सूर्य देव भी दिखाई नहीं दिए। तापमान गिरने और ठंड बढ़ने से गेहूं जैसी रबी फसलों को फायदा हो रहा है, क्योंकि यह तापमान गेहूं की वृद्धि और अच्छी पैदावार के लिए अनुकूल होता है, हालांकि यह गिरावट लोगों के लिए ठंड बढ़ाती है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है अगले 24 घंटे में ठंड से राहत के कोई आसार नहीं हैं, शीत लहर ऐसी चलती रहेगी।
कोहरे के कारण दृश्यता काफी कम हो जाती है, जिससे दुर्घटना का ज्यादा खतरा रहता है। अपनी गति कम करने से दुर्घटना का कम खतरा रहता है।
डिप्ड हेड बीम का इस्तेमाल करें। दिन के समय भी हमेशा लो बीम हेडलाइट्स का इस्तेमाल करें। हाई बीम की रोशनी कोहरे से टकराकर दृश्यता को और खराब कर सकती है। अपनी फाग लाइट का इस्तेमाल करें।
अगर आपकी गाड़ी में फाग लाइट लगी हैं। अपने आगे वाले वाहन से दूरी बनाकर रखें, इससे आपको अचानक रुकने या किसी बाधा के आने पर प्रतिक्रिया करने के लिए अधिक समय मिलेगा। धुंध भरे मौसम में गीली और फिसलन भरी सड़कों पर रुकने की दूरी काफी अधिक हो सकती है। टक्कर हो जाती है।
रात में पशुओं को खुले में न बांधें, उन्हें शेड में रखें और गुनगुना पानी दें, धूप निकलने के बाद ही पशुओं को बाहर बांधे। सुबह एकदम पशुओं को बाहर न निकालें, पहले पशुओं के बाड़े दरवाजे या पल्लियां हटा दें, इसके कुछ देर बाद ही पशुओं को बाहर निकालें।
ठंड को देखते हुए पशुओं के आहार में आयोडीन युक्त नमक और मिनरल मिक्सचर शामिल करें। सही रखरखाव करने से पशुओं का दूध भी कम नहीं होता है।

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