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    जमाबंदी में हेराफेरी कर करनाल के किसानों ने पूंडरी के एक बैंक से लिया लोन, दो सगे भाइयों पर केस दर्ज

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 08 Jun 2022 06:40 PM (IST)

    जमाबंदी में हेराफेरी करके करनाल जिले के गांव बांसा के दो लोगों ने बैंक से 13 लाख 50 हजार रुपये का लोन लिया था। ...और पढ़ें

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    जमाबंदी में हेराफेरी कर करनाल के किसानों ने पूंडरी के एक बैंक से लिया लोन, दो सगे भाइयों पर केस दर्ज

    संवाद सहयोगी, पूंडरी: जमाबंदी में हेराफेरी करके करनाल जिले के गांव बांसा के दो लोगों ने बैंक से 13 लाख 50 हजार रुपये का लोन लिया था। अब लोन डिफाल्टर होने पर बैंक मैनेजर की शिकायत पर पूंडरी पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इस बारे में पुलिस को दी शिकायत में यूनियन बैंक आफ इंडिया के वरिष्ठ प्रबंधक अंकित वैष्णव ने कहा है कि गांव बांसा जिला करनाल के दो सगे भाइयों रघुबीर सिंह व बलबीर सिंह ने कार्पोरेशन बैंक पूंडरी (जो कि सरकार की अधिसूचना के बाद अब यूनियन बैंक में विलय हो चुका है) से 104 कनाल 10 मरला भूमि की एवज में ऋण लिया था। मैनेजर ने बताया कि आरोपितों ने किसान क्रेडिट कार्ड के रूप में 15 लाख रुपये फसली ऋण मांगा था। उसके लिए उन्होंने 30 मई 2014 को राजस्व विभाग से प्राप्त कागजात जिस पर कंप्यूटर विभाग करनाल के पटवारी के हस्ताक्षर थे और जिसमें कालम संख्या के अनुसार उन्हें 104 कनाल 10 मरला की भूमि का मालिक दिखाया गया। पैनल में शामिल अधिवक्ता द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार, आरोपित को इस भूमि का मालिक दिखाया गया था, जो कुल भूमि में 1/3 हिस्से का प्रतिनिधित्व करता था, जिसमें 313 कनाल 11 मरला शामिल था। वर्ष 2010-2011 के लिए जमाबंदी के तहत जमीन बांसा में स्थित है। 18 जून 2014 को इस भूमि को गिरवी रखते हुए बैंक ने आरोपितों को 13 लाख 50 हजार का ऋण दिया, जो कि 31 मार्च 2022 तक ब्याज सहित 26 लाख 52 हजार 516 रुपये देय बनता है। मैनेजर का कहना है कि बैंक द्वारा किए गए मौखिक और लिखित अनुरोध के बावजूद वे समय पर ऋण राशि चुकाने में विफल रहे। इसलिए बैंक को संदेह हुआ और रिकार्ड की गहन जांच की और पाया कि आरोपित खेवट नंबर में ऐसी किसी भी भूमि का स्वामी नहीं था और दोनों आरोपितों द्वारा प्रस्तुत राजस्व रिकार्ड में जाली जमाबंदी करके हेरफेर किया गया है।

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