कैथल में धान की खरीद नहीं होने से किसान खफा, जमकर किया प्रदर्शन
गुहला-चीका अनाज मंडी में किसानों ने पीआर धान के कम दाम मिलने पर प्रदर्शन किया। किसानों ने धान खरीद में धांधली का आरोप लगाया और सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीद न करने की बात कही। उन्होंने नमी के नाम पर कटौती का भी विरोध किया और सरकार से नमी की मात्रा बढ़ाने की मांग की ताकि उन्हें नुकसान न हो। किसानों ने आंदोलन की चेतावनी दी है।

संवाद सहयोगी, गुहला-चीका। अनाज मंडी चीका में किसानों को पीआर धान के कम दाम मिलने के विरोध में रविवार को प्रदर्शन किया गया। किसान नेता हरदीप बदसूई, साहब सिंह, बलकार बल्लू, दीपक कुमार, ज्ञानी राम, दौलत राम गुज्जर, परमजीत सिंह, हरदीप सिंह ने नारेबाजी की। किसानों ने कहा कि प्रदेश में धान की खरीद में की जा रही धांधली के कारण हो रही लूट की तरफ सरकार का ध्यान नहीं है।
किसानों द्वारा मंडियों में धान की सरकारी एजेंसी खरीद भी नहीं कर रही है जिसके कारण किसानों को अपनी फसल ओने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। सरकार के सामान्य धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2369 रुपये प्रति क्विंटल एवं ए ग्रेड धान का मूल्य 2389 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया हुआ है।
सरकारी धान खरीद एजेंसियों और राइस मिलर्ज की मिली भगत के कारण नमी की आड़ लेकर किसानों से 200-300 रुपये प्रति क्विंटल रुपये की कटौती की जा रही है जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने अगर जल्द ही किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं किया तो आंदोलन तेज किया जाएगा। किसानों को एमएसपी पर फसल की गारंटी मिलनी चाहिए और मंडियों में पारदर्शी व्यवस्था लागू होनी चाहिए।
किसानों ने सरकार से धान में नमी की मात्रा बढ़ाने की मांग की है, क्योंकि बारिश और मौसम के कारण फसल में नमी का स्तर अधिक हो गया है, जिससे सरकारी खरीद के नियमों के तहत उनकी फसल बेची नहीं जा पा रही है।
किसान चाहते हैं कि नमी की सीमा 17 प्रतिशत से बढ़ाकर अस्थायी रूप से 22 प्रतिशत कर दी जाए, ताकि उनकी मेहनत व्यर्थ न जाए और वे अपनी फसल मंडी में बेच सकें। उन्होंने सरकार व प्रशासन से मांग करते है कि धान की साढ़े 37 किलो की बजाय 50 किलो के थैले की भर्ती की जाए।
पीआर धान को लेकर आ रही कुछ परेशानी: राविश
मार्केट कमेटी सचिव सतबीर राविश ने कहा कि नमी की मात्रा अधिक होने के कारण किसानों को पीआर किस्म के धान को लेकर थोड़ी परेशानी उठानी पड़ रही है।
धरनारत किसान के कहने पर आढ़ती को नोटिस जारी किया है कि उनकी फसल को एमएसपी पर बिकवाया जाए। एजेंसी द्वारा किसान की धान ढेरी में नमी 26.3 है जो सरकारी मापदंड के अनुसार नहीं है।
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