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    Kaithal News: दो डॉक्टरों के भरोसे नागरिक अस्पताल में चल रही इमरजेंसी सर्विस, ऐसे कैसे कामयाब होंगी सरकार की योजनाएं?

    कैथल का जिला नागरिक में इमरजेंसी विभाग दो डॉक्टरों के भरोसे चल रहा है। अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में पहले तीन डॉक्टर थे जिनमें से अब एक का रोहतक तबादला हो गया है। इसके साथ ही एमओ के 55 पद मात्र 13 डॉक्टर ही कार्यरत हैं। एसएमओ के दो पद रिक्त हैं। इसके साथ ही इमरजेंसी में विशेषज्ञ डॉक्टरों की ड्यूटी लगानी पड़ेगी।

    By Surender Kumar Edited By: Deepak Saxena Updated: Sun, 03 Mar 2024 12:34 PM (IST)
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    दो डॉक्टरों के भरोसे नागरिक अस्पताल में चल रही इमरजेंसी सर्विस (फाइल फोटो)।

    जागरण संवाददाता, कैथल। जिला नागरिक अस्पताल में इमरजेंसी विभाग में अब मात्र दो डॉक्टर ही रह गए हैं, पहले यहां तीन डॉक्टरों की नियुक्ति थी, लेकिन डॉ. कर्मजीत मलिक का तबादला यहां से रोहतक हो गया है, अब दो डॉक्टर ही इमरजेंसी सेवाओं के हैं। ऐसे में इमरजेंसी ईलाज को लेकर लोगों को काफी परेशानी आएगी।

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    एक डॉक्टर के भरोसे कैसे चलेगी इमरजेंसी सेवा

    बता दें कि नागरिक अस्पताल में एमओ के 55 पद हैं, लेकिन मात्र 13 एमओ ही कार्यरत हैं, वहीं एसएमओ के पांच पदों में से दो पद रिक्त पड़े हुए हैं। इमरजेंसी में डॉक्टरों की कमी के कारण अब बीमारियों के विशेषज्ञ डॉक्टरों को ड्यूटी करने पड़ेगी। इससे ओपीडी प्रभावित होगी। डाक्टर के तबादले के बाद विभाग की परेशानी बढ़ गई है। अस्पताल में रोजाना 1500 से ज्यादा ओपीडी है। अगर ओपीडी में से किसी डॉक्टर की इमरजेंसी विभाग में ड्यूटी लगाई तो लोगों को इलाज के लिए दिक्कत आएगी।

    जिले में डॉक्टरों के कहां कितने पद खाली

    अस्पताल पद रिक्त

    भरे हुए

    नागरिक अस्पताल 55 42 13
    सामुदायिक केंद्र सीवन 07 03 04
    सामुदायिक केंद्र गुहला 11 02 09
    सामुदायिक केंद्र पूंडरी 07 04 03
    सामुदायिक केंद्र राजौंद 07 05 02
    सामुदायिक केंद्र कौल 07 05 02
    सामुदायिक केंद्र कलायत 11 06 05

    22 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में से 11 में नहीं हैं डॉक्टर

    ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के इलाज को लेकर खोले गए 22 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में से 11 में डॉक्टर ही नहीं है। इस कारण लोगों को इलाज को लेकर काफी दिक्कत आ रही है। वहीं शहर में खोले गए हेल्थ वेलनेस सेंटर में भी छह में से दो में डॉक्टर न होने के कारण लोगों को इलाज को लेकर दिक्कत आ रही है। लोगों का कहना है कि जब ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर ही नहीं है तो लोगों का इलाज कैसे होगा। यहां डॉक्टर न होने के कारण नागरिक अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ रही है।

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    वहीं, कई केंद्र तो किराया के भवन में चल रही है। ढांड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को आज तक भी अपनी जमीन नहीं मिल पाई है। इसी तरह से सीवन का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जर्जर हालत में है। भवन से मलबा गिर रहा है। यहां काम कराने वाले कर्मचारियों को हर समय अनहोनी का डर बना रहता है।

    डॉक्टरों की नियुक्ति को लेकर भेजी गई है डिमांड: मांडले

    जिला नागरिक अस्पताल के पीएमओ डॉ. सचिन मांडले ने बताया कि नागरिक अस्पताल की इमरजेंसी में अब दो डॉक्टर रह गए हैं, एक डॉक्टर का यहां से तबादला रोहतक हो गया है। इमरजेंसी को चलाने के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की ड्यूटी लगानी पड़ेगी। अस्पताल में स्वीकृत 55 पदों में से 13 डॉक्टर ही कार्यरत है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी भी खल रही है। विभाग को डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए डिमांड भेजी गई है।

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