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    एसवाईएल के बाद अब हांसी बुटाना की बारी

    By Edited By:
    Updated: Sat, 12 Nov 2016 12:21 AM (IST)

    पंकज आत्रेय, कैथल: सतलुज-यमुना ¨लक नहर (एसवाईएल) पर प्रदेश के लिए आई अच्छी खबर के बाद ...और पढ़ें

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    पंकज आत्रेय, कैथल:

    सतलुज-यमुना ¨लक नहर (एसवाईएल) पर प्रदेश के लिए आई अच्छी खबर के बाद अब हांसी-बुटाना का दावा भी मजबूत हो गया है। इस फैसले को हांसी बुटाना के केस के लिए आधार बनाया जा सकेगा। सुप्रीम कोर्ट में अगले माह इस केस में नियमित सुनवाई शुरू होने की उम्मीद है।

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    110 किलोमीटर में बनी

    है हांसी-बुटाना नहर

    हांसी-बुटाना नहर प्रदेश में 110 किलोमीटर में बनाई गई है। यह कैथल, करनाल और जींद की कृषि योग्य भूमि को अधिग्रहण करके बनाई गई। गुहला चीका के पास गांव अजीमगढ़ से लेकर सफीदों के पास गांव अंटा तक इसका निर्माण किया गया है। आगे यह दूसरी नहर में डाल दी जाती है, जो भिवानी तक पानी लेकर जाती है। इस नहर के निर्माण में 400 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

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    1.37 अरब जमीन का मुआवजा:

    वर्ष 2005 में हांसी-बुटाना नहर के लिए 1442.67 एकड़ जमीन अधिग्रहण की गई थी। शुरुआत में इसके लिए पांच लाख रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया गया था, लेकिन किसान इसके खिलाफ कोर्ट चले गए। इसके बाद उन्हें साढ़े नौ लाख रुपये प्रति एकड़ मुआवजा और एनुएलिटी दी गई। इसमें 33 साल तक 15 हजार रुपये प्रति एकड़ दिए जा रहे हैं। साथ ही प्रति वर्ष इसमें 500 रुपये की बढ़ोतरी होती है। पूरी जमीन के लिए प्रदेश सरकार ने एक अरब 37 करोड़ रुपये से ज्यादा एकमुश्त मुआवजा दिया था।

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    बाढ़ नियंत्रण में कारगर हुई नहर:

    फिलहाल नहर में पानी भले ही न आया हो, लेकिन कैथल शहर को बाढ़ से बचाने में यह नहर कारगर साबित हुई है। पांच साल पहले जब बाढ़ आई तो इस नहर में लाखों क्यूसिक पानी डाला गया, जो शहर में घुसकर तबाही मचा सकता था। इससे पहले वर्ष 1993 व 1995 में शहर भीषण बाढ़ का विध्वंस देख चुका है। सिरसा ब्रांच के साथ-साथ होने के कारण भी मरम्मत के समय इस नहर का पानी इसमें शिफ्ट कर दिया जाता है।

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    मेंटेनेंस पर खर्च किए डेढ़ करोड़:

    हांसी बुटाना वर्ष 2005 में बनना शुरू हुई और 2008 में तैयार हो गई। इसके बाद से अब तक हर साल ¨सचाई विभाग का बीएमएल डिविजन इसकी मेंटेनेंस पर हर साल लाखों रुपये खर्च करता है। वर्ष 2010-11 में इस पर 61 लाख रुपये खर्च किए गए। वर्ष 2012-13 में एक लाख 35 हजार, वर्ष 2013-14 में 41.60 लाख रुपये, वर्ष 2014-15 में 15.36 लाख और वर्ष चालू वित्त वर्ष में अब तक 27 लाख 16 हजार रुपये हांसी बुटाना नहर की मेंटेनेंस पर खर्च हो चुके हैं। वर्ष 2010-11 में बाढ़ आने के कारण इसकी मरम्मत पर 61 लाख रुपये खर्च हुए।

    वर्जन : सुप्रीम कोर्ट में होनी है सुनवाई

    सुप्रीम कोर्ट में हम अपना पक्ष पूरा कर चुके हैं। इस मामले में गवाही पूरी हो चुकी हैं। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के अधिकारियों के एविडेंस हो चुके हैं। अब नियमित सुनवाई शुरू होनी हैं। संभावना है कि दिसंबर में कोई तारीख लग सकती है। पिछली तारीख पर पंजाब को नोटिस हुआ था, जिसमें उसे कुछ दस्तावेज पूरे करने के लिए कहा गया था। एसवाइएल के बाद हमारा हांसी बुटाना के पानी पर दावा और भी मजबूत हो जाता है। यह आधार बनेगा।

    -मनोज कुमार, एक्सईएन, इंटरस्टेट ¨सचाई विभाग, दिल्ली।