पुराने जमाने की कहानी सुना बीता रहे समय
कोरोना महामारी से बचाव को लेकर लॉकडाउन थ्री लगाया गया है जो 17 मई तक जारी रहेगा। इस महामारी से बचाव को लेकर लोग घरों में ही रह रहे हैं। कई सामूहिक परिवार एकजुटता से रहते हुए अपना समय बीता रहे हैं।
तेजबीर मेहरा, ढांड : कोरोना महामारी से बचाव को लेकर लॉकडाउन थ्री लगाया गया है, जो 17 मई तक जारी रहेगा। इस महामारी से बचाव को लेकर लोग घरों में ही रह रहे हैं। कई सामूहिक परिवार एकजुटता से रहते हुए अपना समय बीता रहे हैं। बच्चे अपने बुजुर्ग दादा-दादी से कहानी सुन रहे हैं। जाजनपुर निवासी बुजुर्ग सरदारी देवी ने बताया कि 1971 में भारत पाकिस्तान के युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से पराजित किया था। दो टुकड़ों में उस समय पाकिस्तान को विभाजित कर दिया था। बंग्लादेश का जन्म उसी समय हुआ था।
इस युद्ध के दौरान रात के समय कोई भी अपने घरों में दीया या मोमबत्ती नहीं जला सकता था। ताकि घरों में रोशनी दिखाई न दें। क्योंकि रात को हवाई हमले होने का डर बना रहता था। लोग दिन में ही अपना सारा काम निपटा लेते थे, ताकि अंधेरे में कोई काम ना करना पड़े। बुजुर्ग महिला ने बताया कि जिस तरह से आज घरों में अच्छे-अच्छे पकवान बनाए जाते है, लेकिन हमारे समय में ऐसा नहीं था। क्योंकि उस समय ज्वार या बाजरे की रोटी तथा सरसों का साग ही मिलता था। उन्होंने जीवन में अनेक संकट देखे हैं, लेकिन कोरोना महामारी में जिस तरह से पूरा विश्व बंद पड़ा है, ऐसा पहले कभी नहीं देखा। इस महामारी में सभी देश प्रभावित हैं। पूरी दिन लॉकडाउन में है, इसलिए सभी लोगों को घरों में रहने की जरूरत है। महामारी से बचाव को लेकर सरकार ने जो फैसला लिया हुआ है, वे सराहनीय है। सभी को सरकार की हिदायतों का पालन करते हुए घरों में रहना चाहिए।
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