कैथल में पंचायत चुनाव में जीत के जश्न में खूनी संघर्ष, जमकर चले लाठी डंडें, 110 लोगों पर केस दर्ज
कैथल में पंचायत चुनाव में जीत के बाद विवाद हो गया। दो पक्षों में लाठी डंडे चल गए। मामला कैथल के गांव सजूमा का है। पुलिस ने दोनों पक्षों के 110 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। गांव में तनाव का माहौल है।
कैथल, जागरण संवाददाता। कैथल के गांव सूजमा में चुनावी रंजिश में जमकर लाठी डंडे चले। जीत के जश्न के दौरान दो पक्षों में खूनी संघर्ष हो गया। मौके पर पुलिस फोर्स पहुंची और दोनों पक्षों को अलग किया गया। इस मामले में 110 लोगों पर केस दर्ज किया गया है। साथ ही गांव में तनाव की स्थिति को देखते हुए करीब सौ पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। वहीं मामले की जांच एसआईटी कर रही है।
इसमें दोनों पक्षों के कई लोग जख्मी हुए। पुलिस के वाहनों पर भी पथराव हुआ। पत्थर लगने से हेलमेट टूट गया। इसमें थाना प्रभारी बलदेव सिंह मलिक सहित अन्य पुलिसकर्मी भी जख्मी हो गए। वहीं विवाद के तूल पकड़ने के बाद पुिलस कप्तान मकसूद अहमद भी गांव पहुंचे थे।
हारे हुए उम्मीदवार पक्ष ने लगाए आरोप
गांव सजूमा में चुनावी रंजिश को लेकर हुए विवाद के बाद दोनों पक्षों की तरफ से थाने में शिकायत दी गई थी। हारे हुए उम्मीदवार पक्ष के लोगों का आरोप था कि उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। शिकायत देने गए लोगों को ही थाने में बंद कर दिया गया था। इस बात को लेकर मंगलवार को ग्रामीण जिला सचिवालय में पहुंच गए थे। वहां एसपी और डीसी से मिले और अपनी समस्या बताई।
जीते हुए पक्ष के 30 लोगों पर केस दर्ज
उसके बाद मंगलवार रात को ही हारे हुए पक्ष के बालकिशन की शिकायत पर जीते हुए उम्मीदवार पक्ष के 30 लोगों पर केस दर्ज कर लिया गया है। ग्रामीणों ने मंगलवार को यह भी बोल दिया था कि अगर उनकी सुनवाई नहीं होती है तो वे गांव से पलायन कर लेंगे।
ये लगाया आरोप
शिकायत में आरोप लगाया है कि जिला परिषद और ब्लाक समिति के परिणाम घोषित होने के बाद जीते हुए उम्मीदवारों के समर्थक गांव में आए थे। वहां तीन डीजे लगाए हुए थे और गलियों से निकल रहे। आरोप है कि उनके मोहल्ले में आकर उनकी तरफ अश्लील इशारे किए गए। उन्हें रोकने का प्रयास किया गया तो उनके साथ मारपीट की गई। उनकी दुकानों को तोड़ दिया गया। पुलिस ने भी उल्टा उन्हीं पर कार्रवाई की थी।
हम मंदिर में पूजा करने गए थे
वहीं, दूसरे पक्ष की तरफ से रणधीर, कृष्ण ने आरोप लगाया कि उनका उम्मीदवार जिला परिषद और ब्लाक समिति में जीत गया था। रविवार शाम को वे गांव के मंदिर में पूजा करने के लिए जा रहे थे। उसी समय दूसरे पक्ष के लोगों ने उन पर हमला कर दिया। उनके वाहन तोड़ दिए गए। उन्हें जातिसूचक शब्द भी कहे गए। उन्होंने वहां से भाग कर जान बचानी पड़ी। उनकी मांग हैै कि पुलिस जल्द से जल्द मारपीट करने वाले सभी आरोपितों को गिरफ्तार करे। जिस पक्ष ने विवाद किया है गांव के मंदिर और स्कूल उनकी तरफ ही हैं। ऐसे में तो आगे से ना स्कूल जा पाएंगे और ना ही मंदिर में पूजा कर सकेंगे। मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
एसआइटी करेगी जांच
एसपी मकसूद अहमद ने इस मामले की जांच के लिए एसआइटी बना दी है। डीएसपी सुनील कुमार को इंचार्ज बनाया गया है। कलायत थाना प्रभारी बलदेव सिंह को जांच से हटा दिया गया है। सुरक्षा को लेकर गांव में दिन और रात को 100 पुलिस कर्मचारी तैनात किए गए हैं। हालांकि अब गांव में माहौल शांत है। ग्रामीण भी अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं कि मामले को आगे ना बढ़ने दिया जाए। ग्रामीण जल्द ही इस मामले को लेकर पंचायत भी बुला सकते हैं। फिलहाल इस मामले में अलग-अलग तीन केस दर्ज हो चुके हैं।