पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोपी देवेंद्र को बड़ा झटका, कोर्ट ने नहीं दी जमानत; रद हुई याचिका
कैथल के मस्तगढ़ निवासी देवेंद्र सिंह जो पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार हुए थे की जमानत याचिका अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डॉ. नंदिता कौशिक की अदालत ने रद्द कर दी है। अदालत ने माना कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है और देश की संप्रभुता के लिए खतरा है। देवेंद्र ने पाकिस्तान जाकर संदिग्ध लोगों से संपर्क स्थापित किया था।

जागरण संवाददाता, कैथल। पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में पकड़े गए गांव मस्तगढ़ निवासी देवेंद्र सिंह की जमानत याचिका रद कर दी गई। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डॉ. नंदिता कौशिक की अदालत ने यह फैसला सुनाया है। देवेंद्र के वकील की तरफ से याचिका डाली गई थी और 20 अगस्त को इस पर सुनवाई हुई।
अदालत ने माना कि मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है और ऐसे में आरोपित देवेंद्र को जमानत नहीं दी जा सकती। यह देश की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा है। पुलिस जांच के दौरान आरोपित ने खुद स्वीकार किया है कि वह पाकिस्तान गया था। वहां कुछ संदिग्ध लोगों के संपर्क में था। उसने अपने मोबाइल से महत्वपूर्ण डाटा भी डिलीट कर दिया था।
देवेंद्र इस समय जिला जेल में बंद है। बता दें कि एसआईटी की ओर से इस मामले में कैथल कोर्ट में 136 पेजों के साथ दो टीबी की हार्ड डिस्क सहित चार्जशीट पेश की जा चुकी है।
जांच में यह भी सामने आया है कि देवेंद्र पाकिस्तानी इंटेलिजेंस अधिकारी शाहजी के संपर्क में आया था। शाहजी ने देवेंद्र की मुलाकात रासीद मोहम्मद, अरसलन और रिजा नाम की लड़की से करवाई थी। ये चारों आईएसआई के लिए काम करते हैं और पाकिस्तान के लिए खुफिया जानकारी हासिल करते हैं।
14 नवंबर 2024 को देवेंद्र गांव के लोगों के साथ पाकिस्तान गया था। वहां से 23 नवंबर को वापस भारत आया था। शाहजी मुख्य सरगना है और उसने देवेंद्र को बताया था कि उनके पूर्वज पाकिस्तान से ही थे। भारत आने के बाद देवेंद्र चारों से वाट्सएप और स्नेपचेट से बात करता था। शाहजी के पास पटियाला आर्मी कैंप वाहनों के फोटो और वीडियो भी भेजे गए थे।
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