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    भक्ति ही है आत्मा की मुक्ति का कारण

    जागरण संवाददाता, कैथल: श्री कृष्ण भक्ति मनुष्य को सभी प्रकार के भय से मुक्त करने वाली है। जब ज

    By Edited By: Updated: Sat, 17 Sep 2016 01:24 AM (IST)

    जागरण संवाददाता, कैथल: श्री कृष्ण भक्ति मनुष्य को सभी प्रकार के भय से मुक्त करने वाली है। जब जीव का मन भक्ति में लग जाता है, तो ये आत्मा की मुक्ति कारण बन जाता है। जब यही मन भौतिक भोगों में आसक्त हो जाता है तो यही आत्मा के बंधन का कारण बन जाता है। यह प्रवचन इस्कॉन प्रचार समिति के कथा व्यास साक्षी गोपाल दास महाराज ने हजारों की संख्या में आए श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि ये मन दुराग्राही है। बुराई की तरफ जल्दी आकर्षित होता है। गीता का उपदेश देते हुए भगवान ने अर्जुन को भी मन को वश में रखने को कहा है। इसके लिए भगवान ने कहा है कि हे अर्जुन, तुम अपना मन मुझमें लगाने का प्रयास करो। उन्होंने कहा कि हरे कृष्ण महामंत्र हमारी चेतना को शुद्ध करता है, चेतना शुद्ध होते ही जीव के हृदय में भगवान का वास हो जाता है और समस्त बुराइयां स्वत: ही छूट जाती है। उन्होंने बताया कि शनिवार को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाएगी।

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    साक्षी गोपाल दास ने कहा कि हमें प्रतिदिन भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति करनी चाहिए तथा हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे महामंत्र का जाप करना चाहिए। चाहे व्यक्ति की कोई भी इच्छा न हो, वह इच्छा-रहित जीवन जी रहा हो या फिर उसे भौतिक सुखों की कामना हो, चाहे उसे मोक्ष की इच्छा हो और वह संसार के आवागमन के चक्कर से मुक्त होना चाहता हो, उसे सभी परिस्थितियों में भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति करनी होगी। तभी वह मनवांछित फल की प्राप्ति करने में सफल हो सकेगा। उसकी भक्ति में भगवान श्रीकृष्ण के प्रति पूर्ण श्रद्धाभाव होना चाहिए। उसे पूर्ण रूप से भक्ति-रस में सराबोर होना चाहिए। तभी वह भगवान की कृपा प्राप्त कर सकेगा। उन्होंने कहा कि कलियुग में भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति ही सभी प्रकार के सुखों को प्राप्त करने का एकमात्र साधन है।

    इस अवसर पर समिति के प्रधान दशरथी चरणदास, संदीप गोयल कैलरम, अनिल गोयल, विनोद भल्ला, अशोक बंसल, मंदीप ¨सह एडवोकेट, बृजलाल मित्तल, अमित चौधरी, प्रवीण बंसल, मोनू गोयल, अरुण वर्मा, श्यामलाल वर्मा, संजय गर्ग, पुनीत चौधरी मौजूद थे।