आयुष्मान मित्र मौके पर ही बनाएंगे आयुष्मान कार्ड
जिला प्रशासन द्वारा 15 सितंबर से 30 सितंबर तक आपके द्वार-आयुष्मान पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत आयुष्मान कार्ड बनवाने के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग का प्रचार वाहन हर गांव तक पहुंचेगा।

कैथल (वि): जिला प्रशासन द्वारा 15 सितंबर से 30 सितंबर तक आपके द्वार-आयुष्मान पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत आयुष्मान कार्ड बनवाने के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग का प्रचार वाहन हर गांव तक पहुंचेगा। आयुष्मान मित्र द्वारा मौके पर ही आयुष्मान कार्ड बनाया जाएगा। बुधवार को डीसी प्रदीप दहिया ने लघु सचिवालय से प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए नौ प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाई।
डीसी प्रदीप दहिया ने कहा कि जिला में आयुष्मान योजना के तीन लाख 24 हजार पात्र व्यक्ति हैं, जिसमें लगभग 69 हजार परिवार योजना में शामिल हो चुके हैं। बहुत से आयुष्मान गोल्डन कार्ड या तो ब्लाक हैं या फिर उनको प्रयोग नहीं किया गया है। इस दौरान प्रचार वाहनों के माध्यम से प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान) के लाभ के बारे में प्रचार किया जाएगा। बताया जाएगा कि जो व्यक्ति इस योजना के अंतर्गत आते हैं, वे अपना आयुष्मान कार्ड बनवा लें या फिर अपने बंद हुए आयुष्मान कार्ड को तुरंत एक्टिव करवा लें। डीसी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आयुष्मान योजना को शुरू करके उनको कर्ज के दलदल में धंसने से बचाया है। इस योजना के अंतर्गत 2011 में हुए सामाजिक-आर्थिक जातीय जनगणना पर चयनित किया गया था।
जिले में यह 17 अस्पताल पैनल पर
इस योजना के अंतर्गत जिला कैथल के 17 अस्पताल पैनल पर हैं, जिनमें सात सरकारी व 10 निजी अस्पताल हैं। सरकारी अस्पतालों में जिला नागरिक अस्पताल कैथल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कलायत, सीवन, गुहला, राजौंद, पूंडरी व कौल और निजी अस्पतालों में शाह अस्पताल, सिग्नस अस्पताल, जयपुर अस्पताल, जयप्रकाश, कंसल, मित्तल, गणपति, जनता, कीर्ति व जैन अस्पताल शामिल हैं। कोई भी लाभार्थी इन अस्पतालों में जाकर अपना आयुष्मान भारत कार्ड दिखाकर अप्रूव्ड पैकजों पर इलाज करवा सकता है। सरकार की ओर से 1400 से अधिक पैकेज इस योजना के अंतर्गत बनाए गए हैं, जिनमें गंभीर बीमारियां संबंधित इलाज के पैकेज भी शामिल हैं। इस मौके पर सीटीएम अमित कुमार, सिविल सर्जन डा. जयंत आहुजा और डा. नीरज मंगला मौजूद रहे।
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