जरूरतमंद की सहायता करना समाज का दायित्व
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ढांड, संवाद सहयोगी : जरूरतमंद की सहायता व सहयोग करना समाज के हर वर्ग का दायित्व बनता है। इसके लिए हर वर्ग को निस्वार्थ भाव से आगे आना चाहिए। ठड के मौसम में समाजसेवी संस्थाओं व लोगों द्वारा जरूरतमंदों की सहायता करने के कार्य की जितनी प्रशसा की जाए कम है। इसी मुद्दे को लेकर विभिन्न वर्ग के लोगों से बातचीत की। जिसमें भाग लेते हुए सुखबीर पाल ने कहा कि ठड के मौसम में गरीब, असहाय व जरूरतमंद की सहायता करना सबसे बड़ी पूजा व सेवा है।
निस्वार्थ भाव से की गई सेवा का फल हमेशा मीठा होता है। ऐसे पुनीत कार्य के लिए हर वर्ग को खासकर समाजसेवी संस्थाओं को समय समय पर आगे आना चाहिए, ताकि ऐसे लोग भी समाज के साथ जुड़ सके। श्रीपाल चंदलाना ने कहा कि समाज का हर वर्ग ऐसे अच्छे कार्यो के लिए हमेशा आगे रहा है, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि जरूरतमंद को सहायता नहीं मिलती है। जबकि उसको जरूरत होती है। इसके लिए जरूरी है कि ऐसे लोगों की पहचान कर उनको ही जरूरत की सुविधा मुहैया कराई जाए, ताकि उनको इसका लाभ मिल सके।
रमन कंबोज का कहना है कि अपनी नेक कमाई में से जरूरतमंदों की सहायता करना भगवान की पूजा करने के समान है। समाज में कई ऐसे लोग है, जो अपने परिवार का गुजर बसर काफी मुश्किल से कर पाते है और इस ठड के मौसम में गर्म वस्त्रों से भी वंचित है। सही मायनों में ऐसे लोगों की सेवा करना ही सबसे बड़ा पुण्य है। नरेन्द्र सिंह ने कहा कि जरूरतमंदों की सहायता के लिए समाज के हर वर्ग को जागरूक होना होगा। इसके लिए समाज में जागरूकता की अलख जगानी होगी, ताकि सच्चे अर्थो में जरूरतमंदों को सहायता मिल सके।
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