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    डंकी रूट से अमेरिका भेजने का सपना दिखाकर 3 देशों में बनाया गुलाम, कैथल के युवक से 70 लाख रुपये की ठगी

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 09:14 AM (IST)

    कैथल में एक युवक को अमेरिका भेजने के नाम पर 70 लाख रुपये की ठगी हुई। एजेंट ने उसे कई देशों में बंधक बनाकर रखा। पीड़ित ने बताया कि उसे 'डंकी रूट' से भेजने का वादा किया गया था। उसे उज्बेकिस्तान, दुबई और कजाकिस्तान में अवैध हिरासत में रखा गया। बाद में उसे निकारागुआ के जंगल के रास्ते अमेरिका ले जाया गया, जहाँ से उसे वापस भेज दिया गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

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    कैथल में युवक को अमेरिका भेजने के नाम पर 70 लाख रुपये ठगे (प्रतीकात्मक फोटो)

    जागरण संवाददाता, कैथल। एक युवक को डंकी रूट से अमेरिका भेजने और वहां काम दिलवाने के नाम पर 70 लाख रुपये की ठगी की गई। युवक को कई देशों में बंधक बनाकर भी रखा गया था।

    उसे छह अक्टूबर को अमेरिका से डिपोर्ट कर दिया गया था। सांगन निवासी अनिल की शिकायत पर एजेंट गोंदर (करनाल) हाल निवासी कैथल सतनाम सिंह और दिल्ली निवासी सोनू पाहवा के विरुद्ध सिविल लाइन थाना में केस दर्ज किया गया है।

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    अनिल ने बताया कि नवंबर 2023 में वह और उसका दोस्त सुनील एजेंट सतनाम सिंह के पास गए थे। अमेरिका भेजने को लेकर 50 लाख में बात हुई। पांच लाख और पासपोर्ट सहित सभी कागजात एजेंट को दिए थे।

    उसे जर्मनी से अमेरिका 40 दिनों में भेजने की बात कही गई। जनवरी 2024 में उसका उज्बेकिस्तान का टूरिस्ट वीजा लगा। 21 जनवरी को वह दिल्ली से ताशकंद पहुंचा। वहां एक माह रुकने के बाद 17 फरवरी को वापस दिल्ली भेज दिया।

    13 मार्च को दुबई भेज दिया गया। दुबई में 80 दिनों तक अवैध हिरासत में रखा गया। दो जून को कजाकिस्तान भेज दिया। अनिल ने बताया तीन जून को उसे और उसके साथ 300 लड़कों को लीबिया से होते हुए निकारागुआ ले गए। वहां से जंगल के रास्ते आगे रवाना किया। 

    जंगल में उसे और पांच अन्य लड़कों को रोक कर कहा गया कि पहले पूरे पैसे दो फिर आगे जा पाओगे। डर के मारे परिवार ने एजेंटों को बकाया 45 लाख रुपये दे दिए। इसके बाद सभी को ग्वाटेमाला बार्डर से कैलवन के बीच एक महीना अवैध तरीके से बंधक बनाकर रखा।

    यातनाएं दी गईं और मारपीट की गई। फिर मैक्सिको सिटी ले गए और वहां 22 दिन तक बंधक बनाकर रखा। अगस्त 2024 में सभी को मैक्सिको पुलिस ने पकड़ लिया, लेकिन डोंकरों ने छुड़वा दिया।

    26 अगस्त को डोंकरों ने दीवार से उन्हें अमेरिका बार्डर की तरफ फेंक दिया। वहां पुलिस ने पकड़ लिया और कैंप में रहना पड़ा। कैंप से निकलने में करीब 20 लाख खर्च हो गए।