Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इंसान को समय से पहले व भाग्य से ज्यादा कुछ नहीं मिलता: करुणा गिरी

    By Edited By:
    Updated: Wed, 29 Jun 2016 07:09 PM (IST)

    संवाद सहयोगी, गुहला चीका : भवानी मंदिर में चल रही भागवत कथा का शुभारंभ छठे दिन वार्ड नंबर-2 की पार्ष ...और पढ़ें

    Hero Image

    संवाद सहयोगी, गुहला चीका : भवानी मंदिर में चल रही भागवत कथा का शुभारंभ छठे दिन वार्ड नंबर-2 की पार्षद समता रानी ने दीप प्रज्वलित करके किया। समता रानी ने कहा कि मनुष्य को धार्मिक कार्यों में रुचि लेते हुए इस प्रकार के आयोजन करवाते रहने चाहिए। भागवत कथा से जहां मनुष्य के मन को शांति मिलती है, वहीं मनुष्य की धार्मिक कार्यो में रुचि भी बढ़ेगी। कथा को आगे बढ़ाते हुए संत करूणदास महाराज ने कहा कि भागवत कथा के महातम में आत्म देव ब्राह्मण का विवरण आता है कि जिसके पास दुनिया के सब सुख थे लेकिन कोई संतान नहीं थी और इसी दुख से जब वो आत्म हत्या करने चले तो उन्हें एक संत ने रोक लिया। बहुत समझाया कि समय से पहले भाग्य से ज्यादा कुछ नहीं मिलता, तब भी वे ब्राह्मण नहीं माने। फिर संत ने एक फल दिया और उस फल को उसकी पत्नी ने गाय को खिला दिया और अपनी बहन से उसकी संतान ले ली। वो संतान जोकि बहुत दुष्ट निकली और गाय से जो संतान हुई वो धर्मात्मा हुई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उन्होंने कहा कि गाय की संतान और बहन से जो संतान ली उसका नाम धुंध कारी रखा, धुंधकारी से तंग आकर ब्राह्मण विरक्त होकर घर से निकल गए और गौ कर्ण तीर्थ यात्रा पर चले गए, दो-दो संतानें होने पर भी भाग्य में सुख नहीं मिला।

    महाराज ने कहा कि धुंधकारी महा पापी था, अपनी मां को कुएं में गिराकर मार दिया और वैश्याओं को घर ले आया और एक दिन वैश्याओं ने उसको धोखा दिया और उसे मारकर उसका सारा धन लेकर निकल गई। अब धुंधकारी प्रेत बनकर भटकने लगा तब गौ कर्ण महाराज ने अपने भाई धुंधकारी का नियमित अनुष्ठान किया और उसको प्रेत योनी से मुक्त किया। इस अवसर पर संस्था के प्रधान सुभाष ¨जदल, मोती राम गर्ग, र¨वद्र ¨बदलिश, दीपक मिगलानी, कुलदीप माजरा, सुभाष पादा, राकेश वर्मा, मुकेश, सतपाल ¨जदल, राजेश ¨जदल, सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।