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    दो मोबाइल मेडिकल यूनिट ग्रामीण क्षेत्रों में देगी चिकित्सा सुविधा

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 20 Feb 2022 07:08 PM (IST)

    स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित ग्रामीण क्षेत्र में अब मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) लोगों का इलाज करेगी। स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए विभाग ने दो मोबाइल मेड ...और पढ़ें

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    दो मोबाइल मेडिकल यूनिट ग्रामीण क्षेत्रों में देगी चिकित्सा सुविधा

    जागरण संवाददाता, जींद : स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित ग्रामीण क्षेत्र में अब मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) लोगों का इलाज करेगी। स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में दो मोबाइल मेडिकल यूनिट को चालू किया है और प्रत्येक यूनिट की ब्लाक के हिसाब से ड्यूटियां लगाई गई। इसमें एक यूनिट को चार व दूसरी को पांच ब्लाक दिए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए स्टाफ को ट्रेनिग दी गई। इसमें स्टाफ को समझाया गया कि मरीजों का डाटा कैसे आनलाइन करना है तथा किस तरह उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दी जा सकती हैं। जिले में स्वास्थ्य विभाग के पास जिले में तीन एमएमयू हैं, लेकिन स्टाफ के अभाव में दो एमएमयू को चलाया गया। इसके लिए एक एमएमयू को 12 दिन के लिए एक सीएचसी को अलाट किया जाएगा। इसके 12 दिन बाद यह एमएमयू दूसरी सीएचसी के पास भेज दी जाएगी। इसी प्रकार एक महीने में 24 दिन एमएमयू कार्य करेगी। एमएमयू का फोकस उन गांवों की तरफ किया जाएगा, जहां पर उपस्वास्थ्य केंद्र भी नहीं है। इसके लिए अभी अस्थायी रूप से एक चिकित्सक, स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट, लैब तकनीशियन की नियुक्ति प्रत्येक एमएमयू पर की गई है। स्थाई स्टाफ मिलने के बाद स्टाफ की संख्या बढ़ाई जा सकती है। एमएमयू में मरीज का सारा डाटा ऑनलाइन करना होगा। इसके लिए मरीज के टेस्ट, उसको दी जाने वाली दवाइयां तथा उसकी बीमारी के बारे में सब कुछ आनलाइन किया जाएगा।

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    जिले के 302 गांवों में से 185 में उपस्वास्थ्य केंद्र

    जिले के काफी गांव ऐसे हैं जहां पर स्वास्थ्य सेवाएं लेने के लिए मुख्यालय व तहसील स्तर पर बने अस्पतालों पर जाना पड़ता है। जिले में 302 गांवों है, लेकिन इसमें से अभी तक 185 गांवों में ही उपस्वास्थ्य केंद्र है। जिन गांवों में उपस्वास्थ्य केंद्र नहीं है, उनको पड़ोसी गांव में जाकर ही प्राथमिक उपचार लेना पड़ता है। इन गांवों से सरकारी के अलावा प्राइवेट स्वास्थ्य सुविधाएं भी नहीं पहुंच पाती। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने इन गांवों में एमएमयू भेजने का निर्णय लिया है। एमएमयू में कोई भी मरीज मौके पर ही अपनी जांच करवा सकता है। उनको दवाई का वितरण किया जाएगा। एमएमयू में डिलीवरी की भी सुविधा होगी। बहुत से लोग ऐसे हैं जो बिना चिकित्सक की सलाह के अपने आप ही मेडिकल स्टोर से दवाई ले लेते हैं। अब एमएमयू के द्वारा लोगों को चिकित्सीय सलाह के अलावा दवाई तथा जांच की सुविधा उनके घर के बाहर ही मिलेगी। यदि कोई गंभीर मरीज हुआ तो उसको रेफर भी किया जा सकता है।

    सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक मिलेगी सेवा

    डिप्टी सिविल सर्जन डा. जेके मान ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा देने के लिए दो मेडिकल यूनिटों को चालू किया गया है। प्रत्येक यूनिट में स्टाफ के साथ पर्याप्त मात्रा में दवाई उपलब्ध होगी। इसमें सीएचसी के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक गांव का शेड्यूल बनाया जाएगा। जहां पर मोबाइल मेडिकल यूनिट सुबह नौ बजे ही उन गांवों में पहुंच जाएगी और शाम को पांच बजे तक मरीजों का इलाज करेगी। इसके बाद ग्रामीणों को इलाज के लिए दूर दराज नहीं जाना पड़ेगा।