डीएवी स्कूल में जलियांवाला कांड के शहीदों को दी श्रद्धांजलि
जलियांवाला बाग कांड के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में डीएवी पब्लिक स्कूल में शुक्रवार को यज्ञ हुआ और शहीद हुए देशभक्तों को श्रद्धांजलि दी गई। डीएवी संस्थाओं के निदेशक डॉ. धर्मदेव विद्यार्थी ने बताया कि 13 अप्रैल 1919 के दिन अमृतसर के जलियांवाला बाग में जब देशभक्त एक सभा कर रहे थे तो उसी समय जर्नल डायर ने निहत्थे लोगों को गोलियों से भून डाला था।
जागरण संवाददाता, जींद : जलियांवाला बाग कांड के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में डीएवी पब्लिक स्कूल में शुक्रवार को यज्ञ हुआ और शहीद हुए देशभक्तों को श्रद्धांजलि दी गई। डीएवी संस्थाओं के निदेशक डॉ. धर्मदेव विद्यार्थी ने बताया कि 13 अप्रैल 1919 के दिन अमृतसर के जलियांवाला बाग में जब देशभक्त एक सभा कर रहे थे तो उसी समय जर्नल डायर ने निहत्थे लोगों को गोलियों से भून डाला था।
डॉ. विद्यार्थी ने बताया जलियांवाला बाग में एक कुआं था। लोग दौड़ते गए और उसमें गिरते गए। यह कुआं ऊपर तक भर गया। सैकड़ों लोग शहीद हो गए। यह अंग्रेजी सरकार का सबसे खतरनाक और घिनौना कार्य था, जिसकी 100 साल पूर्ण होने पर ब्रिटेन में भी निदा की जा रही है। उन्होंने आश्चर्य प्रकट किया जलियांवाला बाग कांड के 100 वर्ष पूर्ण होने पर देशभक्ति का जो सैलाब देश में होना चाहिए था, वह नहीं हुआ। बच्चों को और लोगों को देशभक्ति की शिक्षा देने का यह शताब्दी वर्ष एक सुंदर कार्य होता।
उन्होंने सरकार से अपील की कि जलियांवाला बाग कांड के 100 साल पूर्ण होने के उपलक्ष में 2019 शहीद शताब्दी वर्ष मनाया जाए। डॉ. धर्मदेव विद्यार्थी ने अपनी पुस्तक छोटे बच्चे बड़े बलिदान के हवाले से उन छोटे-छोटे बच्चों की कहानियां सुनाई, जिन्होंने 16 साल से भी कम उम्र में देश के लिए हंसते-हंसते अपना बलिदान दिया। इस मौके पर सफीदों डीएवी स्कूल की प्राचार्य रश्मि विद्यार्थी ने भी बच्चों को अनेक प्रेरक प्रसंग सुनाए।
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